चन्दौली/लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप वनाधिकार कानून के दाखिल दावेदारों को उनकी पुश्तैनी वन भूमि पर बेदखली से तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए. उन्हें जमीन पर पट्टा दिया जाए और सरकार द्वारा शुरू किए जाने वाले पौधारोपण में फलदार वृक्ष लगाने की व्यवस्था हो. इन वृक्षों की सुरक्षा व संचालन के लिए आदिवासियों और वनवासियों की ग्राम स्तर की सहकारी समितियों को कृषि वानिकी योजना के तहत जंगल पर अधिकार दिया जाए.
इस आशय का गुरुवार को ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट से संबद्ध आदिवासी वनवासी महासभा व मजदूर किसान मंच के नेताओं ने चन्दौली जनपद के चकिया व नौगढ़ उपजिलाधिकारी को रजिस्टर्ड डाक से एक पत्र भेज गया. इस पत्र में आईपीएफ नेता अजय राय, मजदूर किसान मंच के जिला संयोजक रामेश्वर प्रसाद, शिकारगंज प्रभारी अमर बहादुर चौहान व नौगढ़ प्रभारी गंगा चेरो व रहीमुदीन की तरफ से कहा गया की माननीय सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदिवासियों और वनवासियों की उनकी पुश्तैनी जमीन से बेदखली पर रोक लगा रखा है. विशेष सचिव के निर्देश कोई मायने नहीं : इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी शासनादेश जारी किया है और कहा गया है कि वनाधिकार कानून के तहत दाखिल दावों का पुन: परीक्षण कराया जाए. इस संबंध में खुद विशेष सचिव ने दौरा करके निर्देश दिए थे. बावजूद इसके चकिया व नौगढ़ तहसील में वन विभाग द्वारा बेदखली की कार्रवाई की जा रही है. अधिकारी कर रहे बेदखली कार्रवाई को अनसुना : इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी चकिया व नौगढ़ से वार्ता भी की गई तब भी यह बेदखली नहीं रोकी जा रही है. नौगढ़ के कई गांव में तो वनाधिकार कानून के दावेदारों की जमीन पर गड्ढा खोदकर वृक्षारोपण किया जा रहा है. यह न्यायालय की अवमानना है और यदि प्रशासन इसे रोकने की समुचित कार्यवाही नहीं करता तो विधिक कार्यवाही की जायेगी.
फलदार वृक्ष लगाने की जरूरत : इस पत्र में कहा गया की एक जुलाई से शुरू हो रहे पौधारोपण कार्यक्रम में वन विभाग फलदार वृक्ष लगाए और इन वृक्षों की देखभाल व व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई कृषि वानिकी योजना के तहत आदिवासियों व वनवासियों की ग्राम स्तरीय सहकारी समितियों को अधिकार दिया जाए. इससे पर्यावरण की सुरक्षा तो होगी ही साथी कोरोना महामारी के संकटग्रस्त दौर से गुजर रहे आदिवासियों व वनवासियों की आजीविका का भी इंतजाम होगा. रिपोर्ट:श्रीराम तिवारी