आम आदमी पार्टी बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राम इकबाल गरीबों के मसीहा बनकर उभरे

आम आदमी पार्टी बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राम इकबाल गरीबों के मसीहा बनकर उभरे

 
    
◆ वनवासियों की झोपड़ियां जलकर राख ,   शासन-प्रशासन या राजनीतिक दल के नेताओं ने नहीं की मदद !                                                                                             कैमूर: पिछले दिनों बिहार राज्य के सासाराम के रोहतास जनपद में कोनकी पंचायत मगरदह टोला वार्ड संख्या-4 में गरीबों की झोपड़िया जलकर राख हो गई थीं. वहां शासन-प्रशासन या राजनीतिक दल के नेता अब तक नहीं पहुंच पाए हैं.

                                                            जहां ऑल इंडिया रेलवे शू शाइन वर्क्स यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्थापक पूर्व सासाराम लोकसभा प्रत्याशी सह आम आदमी पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राम इकबाल राम पहुंचे और गरीब मजलूम,असहाय लोगों की मदद कर रहे हैं.        उस बस्ती में हजारों मुसहर जाति के लोग रहते हैं.
 ज्ञातव्य हो कि तकरीबन 25 दिन पूर्व में वहां कई झोपड़ियां जलकर राख हो गई,  ले

किन स्थानीय शासन-प्रशासन के लोग जरा भी ध्यान नहीं दिए और पीड़ित परिवार को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है.
                                                           
                                                            क्या कहते हैं ग्रामीण:  सुरेंद्र बनवासी, शिवमूरत बनवासी, टमाटर बनवासी, शंकर बनवासी, बेचन बनवासी, पुनवासी बनवासी, सुदन बनवासी आदि लोगों ने बताया कि सभी लोगों की झोपड़ी घर जले हुए लगभग 25 रोज बीत चूंके हैं.
                                                              सुबह आधा पेट तो शाम को खाने की चिंता!                                                              इस पर स्थानीय प्रतिनिधि कोई ध्यान दिए और ना ही शासन प्रशासन के लोगों ने राहत पहुंचाया. ये लोग किसी तरह अपने परिवार को बचा पाए हैं. आज लोग अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए बहुत ही मजबूर हो गए हैं. आलम यह है कि सुबह खाना खाते हैं, तो शाम को खाने की चिंता लगी रहती हैं. इस बरसात के मौसम में झोपड़ी तो नहीं है. किसी तरह प्लास्टिक लगाकर गुजर-बसर कर रहे हैं. जो कि प्लास्टिक भी फट चुका है. सभी लोग ब्याज पर पैसा लेकर अपने-अपने जले घरों पर प्लास्टिक डाल कर अपने और अपने परिवार को बचा रहे हैं.
     

                                                       सरकारी मदद ऊंट के मुंह में जीरा: 
 मुसहर समाज के बहुत से बुजुर्ग महिला और पुरुष को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है. कभी छह महीने तो कभी आठ महीने पर पेंशन मिलता है, और इनकी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.
इस सरकार द्वारा नल-जल योजना का लाभ भी नहीं मिला है. उक्त बस्ती में चार चापाकल है, जिसमें तीन खराब है सिर्फ एक ही चापाकल पानी दे रहा है. जिससे काफी समस्या बढ़ गया है.                                                                                                                   सांसद और विधायक मूकदर्शक बने! : यहां के लोगों की बातें सच मानें तो स्थानीय वर्तमान सांसद और विधायक सभी लोग जानते हुए भी मूकदर्शक बने हुए हैं. अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.                                          जहां गरीबों का मसीहा बनकर पहुंचे यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्थापक पूर्व सासाराम लोकसभा प्रत्याशी सह आम आदमी पार्टी के अनुसूचित जाति एवं जनजाति बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राम इकबाल राम ने कहा कि अगर मुहर भाई-बहनों के परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा सरकार के द्वारा नहीं मिलता है तो जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक भूख हड़ताल करेंगे.साथ ही जन आंदोलन की चेतावनी दी है.                                     रिपोर्ट: संजय मल्होत्रा