दुर्गावती (कैमूर): प्रखंड मुख्यालय का सबसे महत्वपूर्ण सड़क गड्ढा में तब्दील हो चुका है. यह रोड प्रखंड मुख्यालय दुर्गावती होते हुए गांव कर्णपुरा से अकोढ़ी मेला रोड तक जाती है. जिस सड़क से दर्जनों गांव के लोग प्रतिदिन दुर्गावती प्रखंड मुख्यालय पर आवागमन करते हैं, यह सड़क मरम्मत के अभाव में गड्ढे और नाले में तब्दील हो चुका है. समाजसेवी कर्णपुरा गांव निवासी धीरेंद्र सिंह ने बताया कि सड़क विभाग द्वारा 27 जून को ही कार्य प्रारंभ करना था. जिसकी पुष्टि कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल मोहनिया तथा अभियंता के द्वारा की गई थी.परंतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आवेदक को कार्य करने से मना कर दिया गया था. यह कहा गया कि कार्य में रहने पर नारियल फोड़ कर शिलान्यास किया जाएगा. जिसके बाद संवेदक द्वारा मरम्मत का कार्य रोक दिया गया और सड़क का शिलान्यास किया गया था.
जिला के प्रभारी मंत्री एवं स्थानीय कृष्ण कुमार सिंह की उपस्थिति में संपूर्ण जिले के सड़कों का शिलान्यास एवं उदघाटन प्रखंड मुख्यालय के पास एक जनसभा करके किया गया था.
जिसमें प्रखंड के सभी पंचायतों के प्रतिनिधि एवं समाज में रुचि रखने वाले समाजसेवी भी उपस्थित रहे.
जो सड़क मरम्मत कार्य के रूप में उस सड़क का शिलान्यास कहां तक उचित है. यह बड़ी विडंबना है कि भावना का सम्मान करते हुए अपने को स्थापित करने हेतु कार्य को बंद कर देना और यह कहना कि मैं करूंगा यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का मजाक किया जा रहा है.
किसी भी जनप्रतिनिधि को जनता की समस्याओं के लिए सतत जागरूक रहना चाहिए ना कि अपने नाम के लिए महत्वाकांक्षी रखना चाहिए. 27 जून से लेकर आज 15 दिन हो चुके हैं, जब नारियल ही तोड़ना था तो 10 दिन के अंदर ही फोड़ देना चाहिए था.
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फोटो: बदहाल सड़क |
आज प्रखंड मुख्यालय का यह सड़क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. जबकि कार्यपालक अभियंता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिलान्यास और उदघाटन मरम्मत कार्य नहीं होता है.
जो सड़क मरम्मत कार्य में है. उसमें शिलान्यास करना पूर्ण रूप से नियम के विरुद्ध है. रेलवे स्टेशन रोड बाजार में रहने वाले लोगों के लिए दूसरा कोई रास्ता और विकल्प भी नहीं है. यहां तक कि बाइक पर सवार लोग सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढे में गिर-गिर कर प्रतिदिन चोटिल हो जा रहे हैं.
इस प्रखंड की जनता को यहां मुख्यालय आने का एकमात्र यही मुख्य सड़क है. और तो और कर्णपुरा गांव की स्थिति बिल्कुल ही नारीकीय हो गई है .
सड़क पूर्ण रूप से नाले में तब्दील हो चुका है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है. इस बार घोषणा करके कोई कार्य नहीं किया गया. यह जनता के साथ क्रूर मजाक है. इससे साबित होता है कि लोक जन भावनाओं का सम्मान नहीं करते हुए जनता के हितों की अनदेखी हो रही हैं. राजनेता केवल अपने नाम और अपनी महत्वाकांक्षा को आगे रखकर राजनीतिक रोटियां सेकने में लोग लगे हुए हैं. रिपोर्ट: Sanjay Malhotra