लखनऊ/कानपुर: यूपी में आज घटित हुई कानपुर की घटना के बाद हर कोई जानना चाहता है कि वह कौन है हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे? जिसने पल भर में आठ पुलिस कर्मियों को गोलियों से उड़ा दिया. उसका कितना बड़ा गैंग है. अपराध व अपराधी को मिटाने का दावा करने वाली कई सरकारें आईं और गई, फिर भी विकास दूबे हिस्ट्रीशीटर रहते हुए कैसे अभी तक बचा है. लोगों के जेहन यह बड़ा सवाल घूम रहा है. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या उसे राजनीति संरक्षण प्राप्त है ?.
मायावती सरकार में तूती बोलती थी विकास दूबे की आज स्थिति यह है कि कानपुर की घटना से यूपी में पुलिस के खौफ बढ़ने की चर्चाएं तेज हो गई है. दरअसल, विकास दूबे के ऊपर हत्या, धमकाने जैसे कई मामले दर्ज हैं. फिर भी इस अपराधी की सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में गहरी पकड़ है. मायावती की सरकार में एक बार तो इसकी तूती बोलती थी. साल 2002 में जब मायावती सूबे की मुख्यमंत्री थीं तब इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था. इस दौरान विकास दूबे ने जमीनों पर अवैध कब्जे के साथ और गैर कानूनी तरीकों से संपत्ति इकठ्ठा कर ली. जेल में रहने के दौरान हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव जीत चुका है.उस बसपा सरकार के एक कद्दावर नेता से इसकी करीबी जगजाहिर थी. मोनू पहाड़ी से भी ज्यादा बड़ा है विकास दूबे का गैंग: इस दौरान विकास दूबे ने अपना खुद का एक बड़ा गैंग खड़ा कर लिया था. इसके ऊपर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं जो डीटू गैंग के सरगना मोनू पहाड़ी से भी ज्यादा है. हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. इसके अलावा साल 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था. कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में ही साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रह कर साजिश रचने का आरोप है. यही नहीं साल 2004 में हुई केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे आरोपी है.
चचेरे भाई अनुराग पर भी जानलेवा किया था हमला : साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था. उसने माती जेल में बैठकर पूरी साजिश रची थी. जिसके बाद अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज करवाया था. रिपोर्ट:श्रीराम तिवारी/संजय मल्होत्रा