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फोटो स्रोत: Google |
लखनऊ में एक हिंदी लीडिंग अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह जल्द ही पहले अपने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के साथ बैठक करके जल्द निष्कर्ष पर पहुंचेगें. उसकी पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पेश होगी.
मुख्यमंत्री जैसा निर्देश देंगे उसी के अनुरूप आगे चुनाव की तिथि तय की जाएगी. ज्ञातव्य हो कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपने कई संबोधनों में कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिए थे. प्रदेश में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसम्बर को समाप्त हो रहा है. साथ ही क्षेत्र व जिला पंचायतों का कार्यकाल अगले साल 2021 के जनवरी व मार्च माह में समाप्त होने जा रहा है.
ग्राम पंचायतों के खत्म हो रहे कार्यकाल के हिसाब से देखें तो अब सिर्फ पांच महीने का समय बचे हैं. इन पांच महीनों में ही राज्य निर्वाचन आयोग को शहरी क्षेत्र में शामिल हुई पंचायतों के बाद बाकी बचे क्षेत्र का नए सिरे से परिसीमन, फिर वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण, मतपत्रों की छपाई, चुनाव सामग्री का प्रबंधन आदि कार्य पूरे करने होंगे जो एक भारी बोझ है. मगर अभी तक यूपी सरकार समय से चुनाव कराने को लेकर गंभीर दिख रही है.
अगर प्रदेश सरकार वाकई पंचायत चुनाव समय से करवाना चाहती है तो अब और विलम्ब नहीं करना चाहिए. अगले हफ्ते दस दिनों में ही इस बाबत निर्णय ले लेना चाहिए। आयोग के सूत्रों ने कहा कि आगामी पांच महीनों में कई त्योहार भी पड़ेंगे. इस लिहाज से कार्य दिवसों की संख्या कम ही होगी, फिर भी अगर सरकार समय से चुनाव करवाना चाहती है तो आयोग पूरी क्षमता लगातर चुनाव प्रक्रिया पूरी करवाएगा।
चुनाव की अधिसूचना जारी होने से मतगणना और परिणाम घोषित होने में ही 45-50 दिन से समय लगता है. जबकि वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में 90 दिन और मतपत्रों की छपाई,पंचायत चुनाव सामग्री व अन्य कार्मिकों के प्रबंधन में भी 60 से 75 दिन ही लगना तय है.