चन्दौली: शिकारगंज सोसायटी पर खाद के लिए दिनभर लाइन में खड़े रहे किसान, फिर भी लौटे खाली हाथ

चन्दौली: शिकारगंज सोसायटी पर खाद के लिए दिनभर लाइन में खड़े रहे किसान, फिर भी लौटे खाली हाथ

                                                   
 pnp फोटो: खाद के लिए लाइन में खड़े किसान 
                                                                                                चन्दौली: जनपद के शिकारगंज सोसाइटी केंद्र पर खाद के लिए सोमवार को किसान दिनभर लाइन में खड़े रहे लेकिन सभी किसानों को खाद नहीं पाया, जिससे उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.                                     सोसाइटी केंद्र पर खाद को लेकर किसानों के बीच धक्का मुक्की से सोशल डिस्टेंसिनग की खूब धज्जियां उड़ती रही.                                                     धान का कटोरा कहे जाने वाले चन्दौली जनपद में इस समय धान की रोपनी पिक आवर में है. मगर किसानों  यूरिया, डाई, सल्फर खाद के लिए जगह जगह भटकना पड़ रहा है.                                             आज तो शिकारगंज सोसाइटी पर खाद के लिए किसानों की हुजूम उमड़ पड़ा. देखत-देखते किसानों की लंबी लाइन लग गई. फिर भी सभी किसानों को खाद नहीं मिल पाया.                                                  जिससे उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. किसानों का कहना है कि खाद की कमी से किसान परेशान हैं. उन्हें समय पर खाद नहीं मिल रहा है. मजबूरन उन्हें खुले बाजार से ऊंचे दाम में खाद खरीदना पड़ रहा है.              शिकारगंज सोसायटी के खाद विक्रेता उदय नारायण सिंह का कहना है सोमवार की सुबह डाई की 250 से बोरीआई थी और किसानों की भीड़ 500 से ऊपर थी. कुछ किसानों को खाद दिया गया और और किसान निराश होकर घर के लिए लौट गए.                                     इनका कहना है कि बुधवार को खाद आने की संभावना है, उसी खाद को किसानों को आपूर्ति की जाएगी.    उन्होंने कहा कि किसान बिना मास्क पहने 
 और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते हुए खाद के लिए धक्का-मुक्की करते रहे. मगर प्रशासन द्वारा उनको समझा-बुझाकर शांत कराया गया.      लोगों का कहना है कि आज की हालत यह थी किसानो ने सोशल डिस्टेंसिनग का पालन नहीं किया और खाद के लिए जमकर धक्का मुक्की करते रहे.     किसान मजदूर मंच के प्रभारी अजय राय ने डीएम चंदौली से खाद की कमी को जल्द पूरी करने की मांग की है.                                           रिपोर्ट: भूपेन्द्र कुमार