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फ़ाइल फोटो:मोस्ट वांटेड विकास दुबे |
● बड़ा सवाल, सरेंडर या गिरफ्तारी पुलिस ने ली राहत की सांंस लखनऊ/उज्जैन: यूपी के मोस्टवांटेड 5 लाख का ईनामी कुख्यात बदमाश विकास दुबे को एमपी पुलिस ने उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया है. उज्जैन के जिलाधिकारी आशीष सिंह और म.प्र. के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि है. पुलिस के अनुसार वह महाकाल का दर्शन करने की लिए खुद अपना सही नाम बताकर पर्ची कटवा रहा था, तभी शक होने पर मंदिर पुलिस चौकी को सूचना दी गई और लोकल पुलिस ने उसे धर दबोचा. चर्चा यह है कि उसने खुद वहां से गिरफ्तार होना चाहता था अथवा महाकाल मंदिर के कर्मियों व पुलिस की सक्रियता पकड़ा गया. अभी इस गिरफ्तारी के रहस्य से पर्दा उठना बाकी है, यह जांच का विषय हो गया है.
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फोटो: उज्जैन मंदिर के बाहर खड़ा विकास दुबे |
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर योगी सरकार से सवाल किया है कि यह आत्म सपर्ण है अथवा गिरफ्तारी, यह स्पष्ट किया जाए. उन्होंने ट्वीट किया कि 'खबर आ रही है कि ‘कानपुर-कांड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
बता दें जबकि पिछले 24 घंटे से नोएडा फ़िल्म सिटी में मीडिया के सामने उसे सरेन्डर करने की चर्चा चल रही थी. जिसे देखते हुए वहां पहले से पुलिस फोर्स ने डेरा डाल दिया था और आसपास चेकिंग अभियान शुरू हो गया था. विकास दुबे यूपी का एक ऐसा कुख्यात अपराधी है. जिसके ऊपर सरकार ने पहले 25 हजार फिर बढ़ाते-बढ़ाते 5 लाख रुपये तक ईनाम रख दिया. साथ ही उसके मोस्टवांटेड के पोस्टर यूपी के सभी जनपदों समेत अन्य राज्यों में चस्पा करवा दिया था. यह वही विकास दुबे है जिसके ऊपर कानपुर में सीओ सहित आठ पुलिस कर्मियों के हत्या का आरोप है. हालांकि पुलिस विकास दुबे गैंग के साथियों को लगातार एनकाउंटर में मार गिरा रही है. विकास दुबे की गिरफ्तारी के पहले यूपी पुलिस ने विकास के अब तक 5 साथियों को एनकाउंटर में मार डाला है. एक साथी बीती रात एनकाउंटर में मारा गया.ट्विटर: ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2020