मनोज काका के बढ़ते राजनीतिक दायरे ने पूर्वांचल के कई समाजवादियों की उड़ाई नींद

मनोज काका के बढ़ते राजनीतिक दायरे ने पूर्वांचल के कई समाजवादियों की उड़ाई नींद

 
 pnp फ़ोटो: युवा नेता मनोज काका
                                                    ◆ इस चेहरे के साथ तेज़ी से जुड़ रहा युवा वर्ग, पहली पसंद बना युवा नेतृत्व                                                                                                 चंदौली, Purvanchal News Print-19 July 2020: वर्तमान राजनीतिक परिवेश को देखकर ऐसा लगता है कि राजनीति में पढ़े-लिखे युवा वर्ग के नेतृत्व को आम आदमी जल्द समर्थन देने लगा है,              वहीं राजनीतिक दलों में भी युवा नेतृत्व को अधिक महत्व मिलने लगा है. यह किसी एक राजनीतिक दल विशेष में नहीं, बल्कि ये हालात सभी राजनीति दलों की है.                        अगर चन्दौली में समाजवादी पार्टी की बात करें तो युवा नेतृत्व में एक चेहरा मनोज काका का तेजी से सामने आया है. जो सबको पीछे छोड़ता जा रहा है. मनोज के व्यक्तिगत विचारों व शिक्षा के क्षेत्र में बात करें तो उनमें वह सारी क्षमता है जो एक युवा नेतृत्व के पास होना चाहिए.                                   तभी तो चन्दौली जनपद में वह ऐसे युवा वर्ग के नेताओं की नई पौध सींच रहे हैं, जिसे आज की जरूरत है. यही नहीं बड़ी तेज़ी से युवा वर्ग इस चेहरे के साथ जुड़ने भी लगा है. 
बताया जाता है कि मूलरूप से चन्दौली जनपद के सकलडीहा तहसील के महुरा निवासी समाजवादी नेता मनोज सिंह काका की सपा में राजनीतिक पकड़ राष्ट्रीय नेतृत्व तक है.                         यह प्रदेश और फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बेदाग व दमदार राजनीतिक छाप छोड़ने के कारण बनीं है, यह कोई विरासत नहीं है.                           मनोज काका चन्दौली जिले के उन युवा चेहरों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं,  जिन्हें राजनीति में दिलचस्पी है या फिर वे राजनीति में आकर अपने पांव जमाना चाहते हैं.                                   
pnp फोटो: किसान यात्रा निकालते मनोज काका
                                                  मनोज काका के बारे में कहा जाता है कि अपनी काबिलियत व कड़ी मेहनत के बूते सफलता की ईमारत को ऊंचा करते चले गए. वे ज्यादातर लखनऊ में अपना राजनीतिक ताना-बाना बुनने वाले मनोज काका हमेशा जनपद के युवाओं से जुड़े रहने का काम करते रहे हैं.                                             मनोज काका हमेशा युवाओं में राजनीतिक कौशल भरने के साथ ही युवाओ का उचित मार्गदर्शन करने और सकारात्मक राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए निरंतर प्रेरित करने का काम किया है. यही वजह है कि युवाओं से उनका भावनात्मक जुड़ाव बनता गया, जो अब  वृहद आकार ले चुका है.                                          ये कहते हैं कि युवाओं में अपार ऊर्जा व संभावनाएं दबी हुईं, जिन्हें सही मार्गदर्शन के जरिए पटल पर लाकर देश व समाज को समर्पित किए जाने की जरूरत है.                                राजनीति राष्ट्र व मानव सेवा का सबसे सशक्त माध्यम है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिवेश को देखकर युवा इससे दूर होने लगा है. यही तो गंभीर चिंता का विषय है.                   राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव तभी आ सकता है जब अच्छे व पढ़े लिखे युवाओं की राजनीति में सहभागिता में होगी. यह तभी संभव हो पाएगा, जब युवा वर्ग राजनीति को अपनाएगा.                                     यह सच है कि मनोज काका के बढ़ते प्रभाव ने चन्दौली ही नहीं पूर्वांचल की राजनीति में कई समाजवादी नेताओं को भी बेचैन कर दिया है.                  रिपोर्ट: भूपेंद्र कुमार