कस्तूरबा गांधी विद्यालय को बंद करना आदिवासी-दलित विरोधी: अजय राय

कस्तूरबा गांधी विद्यालय को बंद करना आदिवासी-दलित विरोधी: अजय राय

IPF चलायेगा आरएसएस- भाजपा के विरूद्ध अभियान

चकिया: उत्तरप्रदेश सरकार ने कस्तूरबा गांधी विद्यालयो को बंद कर इसकी बच्चियों का परिषदीय विद्यालयों में दाखिला कराने का शासनादेश जारी करके,

 यह साबित कर दिया कि यूपी में आरएसएस-भाजपा योगी सरकार आदिवासी, दलित व पिछड़ा विरोधी सरकार है.

 

सोशल मीडिया-सांकेतिक फोटो

                         
इस आदेश में कहा गया है कि प्रदेश की सभी कस्तूरबा गाँधी विद्यालयों को बंद करके बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई हेतु परिषदीय  विद्यालयों में दाखिल किया जाए. 

जिससे प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े समाज में आक्रोश है,  क्योंकि इस विद्यालय को 2004 में प्रदेश की अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा देने हेतु प्रारम्भ किया गया था.  

इन आवासीय विद्यालयों में इन समस्याओं की बच्चियों को निशुल्क खाना व कपड़ा भी मिलता रहा है. लेकिन कोविड -19 का हवाला देकर सरकार इसे बंद करने का शासनसदेश जारी कर दी है.

 आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट के राज्य कार्य समिति के सदस्य अजय राय ने इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इन स्कूलों को बंद करके परिषदीय विद्यालयों में दाखिल कराने का सरकारी तर्क दोषपूर्ण है और ईमानदार से परे है . ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था तो इन आवासीय विद्यालयों में भी की जा सकती थी.

 सरकार व्यवस्था करने के बजाय इसे बंद कर रही है. आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट इसका विरोध करता है और इसके विरुद्ध दलित, आदिवासी समाज में जनजागरण और हस्ताक्षर अभियान चलाएगा और सरकार कि इस नीति का भंडाफोड़ करेगा. 


उन्होंने कहा कि सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली जैसे आदिवासी-दलित बाहुल्य जिलों में आदिवासी, दलित बच्चियां इन विद्यालयों में शिक्षा पाती थी, अब वो भी शिक्षा से वंचित हो जायेगी. प्रदेश की आरएसएस-बीजेपी की सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग के बच्चे बच्चियों को शिक्षा से दूर रखना चाहती है.

 इस विद्यालय के बंद हो जाने से इन वर्गों की बच्चियां हमेशा-हमेशा के लिए शिक्षा से वंचित हो जाएंगी.