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शहाबगंज(चन्दौली): स्थानीय स्थानीय विकास खंड के ग्रामपंचायत बडोरा निवासी प्रमोद कुमार पुत्र कल्पनाथ राम दर-दर भिक्षा मांग कर जीवन यापन करने को मजबूर है. इसके लिए सारी योजनाएं बेकार साबित हो रही हैं.
विगत वर्षों प्रमोद कुमार का पैर बीमारी की वजह से काटना पड़ गया. शहाबगंज में गरीबों के प्रति आस्थावान बनकर कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्था मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के संजय सिंह ने प्रमोद कुमार के पैर की पीड़ा को देखते हुए एक दूसरे के सहयोग से तत्कालीन जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के प्रयास से ऑपरेशन कराया गया.
जिसमे डॉक्टर के सलाह पर प्रमोद का एक पैर को काट कर जान बचानी पड़ी थी. तत्कालीन जिलाधिकारी ने प्रमोद की पीड़ा को देखते हुए निर्देश भी दिया कि दिव्यांगजन पेंशन योजना के तहत पेंशन बनवाई जा जाए.
लेकिन प्रमोद कुमार का आज तक ना ही पेंशन के लाभ से लाभान्वित किया गया, बल्कि जिलाधिकारी के निर्देश को भी ताक पर रख दिया गया.
जब इंसान पे ईश्वर भी कुपित होता है, तो तमाम प्रकार की विपत्तियों से व्यक्ति को जूझना पड़ता है.यह भारी बारिश और तूफान की वजह से एकमात्र खपरैल के घर में रहने वाले प्रमोद कुमार का घर भी धराशाई हो गया है.
प्रमोद कुमार पॉलिथीन से अपने रहने के लिए मड़हा बनाकर उसी में जीवन यापन करने को मजबूर है. और दर दर भिक्षा मांग करके अपने बाल-बच्चों का भरण पोषण करने का कार्य करता है.
इसके द्वारा बार- बार उच्चाधिकारी और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के दुहाई देने के बाद भी आज तक कोई सुनवाई प्रमोद कुमार की नहीं हुई.
अब देखना ,यह है कि क्या कुंभकरण की नींद से ब्लॉक स्तरीय अधिकारी जागते हैं और उक्त मजबूर व्यक्ति की कोई मदद होता हैं या नहीं?
Source: भूपेन्द्र कुमार