●एलडीएम की जांच में बैंक मैनेजर को मिली क्लीन चीट
चंदौली। यूपी बड़ौदा बैंक के ताराजीवनपुर शाखा के पूर्व मैनेजर इंद्रजीत सिंह पर 14 लाख रुपये गबन करने का आरोप पिछले दिनों लगा था। डीएम के निर्देश पर अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक(एलडीएम) पीके झा ने प्रकरण की जांच के बाद बैंक मैनेजर पर लगे आरोप को खारिज कर दिया।
बताया कि खाताधारक के द्वारा ऋण चुकाने से बचने के लिए आरोप लगाया था। बैंक में मौजूद दस्तावेजों के मिलाने के कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जिससे मैनेजर पर कार्रवाई किया जा सके।
क्षेत्र के खर्रा गांव निवासी अनिल और धर्मेंद्र ने लगभग एक महीने पूर्व जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि पोल्ट्री फार्म के नाम पर 14 लाख 98 हजार का लोन कर हम लोगो को मात्र तीन हजार ही दिया गया।
इस मामले की जांच के लिए डीएम ने एलडीएम पीके झा को जिम्मेदारी सौप दी थी। एलडीएम के निर्देश पर बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके सिंह ने खाताधारकों के दस्तावेजों का मिलान कराया।
जिसमे खाताधारक स्वंय धन की निकासी किया है और खर्रा में इसके नाम से पोल्ट्री फार्म भी खोल गया है।
एलडीएम पीके झा ने बताया कि ऋण लेने वाले लोगों ने बैंक के मैनेजर पर जो भी आरोप लगाए है सभी निराधार पाए गए। जांच रिपोर्ट प्रकरण स्पष्ट हो चुका है।
खाताधारक ऋण चुकाने से बचने के लिए गलत तरीके से आरोप लगाकर बरगलाने की कोशिश की गई।
क्या कहते हैं पूर्व बैंक मैनेजर ताराजीवनपुर शाखा
ताराजीवनपुर स्थित युपी बड़ौदा बैंक के मैनेजर रहे इंद्रजीत सिंह ने बताया कि खाताधारकों को रोजगार देने के उद्देश्य से पोल्ट्री लोन दिया गया है।
खर्रा में एनकेनाम से पोल्ट्री फार्म भी चलाया जा रहा है।इनके द्वारा लिए गए ऋण के दस्तावेज बैंक शाखा में मौजूद है।
लेकिन कुछ लोगों के बहकावे में आने के बाद खाता धारकों ने ऐसा किया। लोगों ने मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया। लेकिन जांच में सच्चाई सामने आ गई।