●Lucknow News In Hindi
उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन ही योगी सरकार बैकफुट पर आ गई। अब पूर्वांचल विद्युत निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया गया है। अब 15 जनवरी तक कोई निर्णय नहीं होगा।
हाई लाइट्स:
●सरकार और बिजली विभाग के बीच बैठक खत्म,अब निजीकरण नहीं।
●तीन महीने तक राहत, 15 जनवरी तक बिजली निजीकरण का फैसला टला।
● सरकारी मीटिंग में हुआ फैसला, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का कार्य बहिष्कार खत्म।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारियों के क्योंकि कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन ही योगी सरकार बैकफुट पर आ गई है। अब पूर्वांचल विद्युत निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया गया है। अब 15 जनवरी तक निजीकरण का मामला टाल दिया गया है।
हालांकि बिजली कारपोरेशन के चेयरमैन ने प्रस्ताव पर रोक लगाने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया है।उन्होंने अभी समय मांगा है। जबकि बिजली मंत्री में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया।
अब खबर आई है कि बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कार वापस कर लिया है। कल व आज दोपहर तक लखनऊ के वीआईपी इलाकों की बिजली सप्लाई ठप हो गयी थी।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्या, मोहसिन रजा सहित दो दर्जन मंत्रियों, विधायकों, जजों, कांग्रेस मुख्यालय, वीआईपी गेस्ट हाउस, मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम की बिजली भी गुल रही ।
सोमवार रात्रि में कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति नहीं हो पाई। पूर्वांचल के कई जिलों में अंधेरा पसरा रहा। इसी बीच आज खबर है कि यूपी सरकार ने पूर्वांचल विद्युत निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने का फैसला किया है और अब यूपी के किसी निगम का वर्तमान में निजीकरण नहीं किया जाएगा। वैसे 15 जनवरी तक यह मामला टाल दिया गया है।
निजीकरण के मसले पर बिजली मंत्री व योगी सरकार सहमत हो गई है। जबकि निगम के चेयरमैन ने बिजली में घाटे को लेकर अड़े हुए हैं। इनका कहना है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए वे निजीकरण प्रस्ताव को रोकने की सहमति पत्र हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं।
वैसे आज अभी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। वैसे कहा जा रहा है कि निजीकरण प्रस्ताव को रद्द करने की सहमति पत्र पर बिजली मंत्री ने दस्खत कर दिया है। इससे विद्युत कर्मचारी संघ राहत महसूस कर रहा है। वहीं आम आदमी भी सकून।