Hindi Samachar- लखनऊ
यूपी 102 एम्बुलेंस में फर्जी आईडी का खेल चल रहा है। इस तरह का एक वीडियो भी वायरल हुआ जबकि अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
![]() |
सांकेतिक फोटो |
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चन्दौली जनपद में 102 एंबुलेंस के जीपीएस को मोटरसाइकिल में यूज करके फर्जी आईडी के जरिये स्वास्थ्य विभाग को चुना लगाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।
इस तरह का एक वीडियो सामने आ चुका है, हालांकि इस मामले में अधिकारियों ने अभी तक चुप्पी साध रखी है।
अगर आप एंबुलेंस 102 की सेवा को समय पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं तो धोखा भी हो सकता है। खबर यह है कि चन्दौली के 102 एंबुलेंस की गाड़ी के जीपीएस को निकाल कर उसी विभाग के कर्मी फर्जी आईडी पर विभाग को चूना लगाते हुए कमाई का जरिया बना चुके हैं। वीडियो में यह दिख रहा है कि एंबुलेंस 102 की गाड़ी है जिसका नंबर- UP 32/ BG 8635 है।
बताते हैं कि इस गाड़ी का पायलट छुट्टी पर है, मगर फर्जी आईडी दिखाते हुए एम ई व एमटी स्वास्थ विभाग को चूना लगाने में जुटे हुए हैं। इस संबंध में जो वीडियो सामने आया है उसमें जीपीएस को एम्बुलेंस गाड़ी से अलग दिख रहा है। इस संबंध में सवाल किया किए जाने पर एंबुलेंस कर्मी स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है।
एम्बुलेंस 102 में क्या काम है जीपीएस का?
एंबुलेंस 102 में लगा जीपीएस के जरिए ही यह पता चलता है कि गाड़ी का लोकेशन कहां है? इसी लोकेशन के आधार पर स्वास्थ्य विभाग पायलट को गाड़ी में तेल भरने का खर्च का भुगतान करता है।
इसी वजह से विभाग में चालक पायलट व एमई, एमटी सहित अन्य कर्मी विभागीय अफसरों से सांठगांठ से गाड़ी का लोकेशन की फर्जी आईडी दर्शाते हैं। यह इसलिए किया जाता है ताकि एम्बुलेंस गाड़ी के अधिक किलोमीटर दूरी तय करने का लेखा-जोखा तैयार किया जा सके।