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आलू की बुवाई का समय आ गया है। लेकिन बाजार में आलू के बीज की बढ़ती कीमत किसानों के जेब पर भारी पड़ रही है। पहले से ही कोरोना काल में किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है।
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सांकेतिक तस्वीर |
दुर्गावती ( कैमूर )। आलू की बुवाई का समय आ गया है। लेकिन बाजार में आलू के बीज की बढ़ती कीमत किसानों के जेब पर भारी पड़ रही है। वैसे भी कोरोना काल में किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके बावजूद ऊंचे दाम पर आलू की बीज खरीद कर बोना किसानों के लिए काफी मुश्किल है।
किसानों का कहना है कि आलू की बुवाई का मुख्य समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर माना जाता है। इस समय आलू की अधिकतम बुवाई की जाती है। इस विषय में यहां के किसानों का कहना है कि आलू का बीज 3000 से 3500 रुपये प्रति कुंटल मिल रहा है। जिसकी वजह से किसानों की बुवाई काफी प्रभावित हो रही है।
जो किसान एक एकड़ खेत मे आलू की बुराई करते थे महंगाई की वजह से आधे एकड़ में ही आलू की बुवाई कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि इतना महंगा कीमत पर आलू का बीज लेकर बोने के बाद जब किसानों के पास आलू की पैदावार होगी तो ओने पौने दाम में भी लेने वाला कोई नहीं मिलेगा।
आलू के बीज की बढ़ती कीमत से आने वाले समय में आलू की पैदावार कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
रिपोर्ट-संजय मल्होत्र
रिपोर्ट- संजय मल्होत्रा