Hindi Samachar-कैमूर
राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क किनारे प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुल्हड़ियां मोड़ पर उप स्वास्थ्य केंद्र शो पीस बनकर रह गया है।
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बदहाल स्वास्थ्य केंद्र |
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दुर्गावती(कैमूर )। बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से दुर्गावती क्षेत्र में दर्जनों प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हुए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क किनारे प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुल्हड़ियां मोड़ पर उप स्वास्थ्य केंद्र शो पीस बनकर रह गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुल्हड़ियां उप स्वास्थ्य केंद्र करीब 20 वर्षों से बंद पड़ा है। बिहार में बैसाखी के सहारे स्वास्थ्य विभाग चल रहा है। क्षेत्र में बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्र की वजह से क्षेत्रीय मरीजों को इलाज कराने के लिए 12 किलोमीटर की दूरी तय करके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गावती जाना पड़ता है।
और वही कुछ गरीब तबके के लोग मरीज को बचाने के चक्कर में स्वास्थ्य केंद्र दूर होने के कारण और समय पर एंबुलेंस नहीं होने के कारण लाचार एवं विवश होकर झोलाछाप डॉक्टरों का शिकार बन जाते हैं।
खजुरा गांव निवासी फूला देवी ने बताई की हमारे गोद में 11 माह का बच्चा है जिसका अभी तक सरकारी टीकाकरण नहीं हो पाया है जबकि स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा कुछ महिला चिकित्सकों एवं आशा एनम को गांव में प्रत्येक घर पहुंच कर महिला एवं शिशु मरीजों की देखभाल करने का आदेश दिया जाता है।
लेकिन एक दिन भी गांव में आशा लोग और महिला चिकित्सक शक्ल तक दिखाने नहीं आती हैं और प्रत्येक गांव से आशा लोगों के द्वारा फर्जी फाइल को मेंटेन किया जाता है कि गांव में प्रत्येक घर घूम कर टीकाकरण होता है। इसका जांच करने पर सारा खेल सामने आ जाएगा।
दुर्गावती क्षेत्र में दर्जनों बिना लाइसेंस के ही झोलाछाप चिकित्सक अपना-अपना डिस्पेंसरी खोलकर बैठे हुए हैं और मरीजों का शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गावती में चिकित्सकों के मिलीभगत से झोलाछाप डॉक्टरों की कट रही है चांदी ।
आशा और चिकित्सक के मिलीभगत से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में अच्छा ढंग से इलाज कराने की सलाह देकर झोलाछाप डॉक्टरों के हाथों में सौंप दिया जाता है। जहां से सरकारी चिकित्सकों को ऊपरी आमदनी के रूप में कमीशन मिल जाता है।
और वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के कारण मरीजों की स्थिति बद से बदतर हो गई है और आए दिन मरीज झोलाछाप डॉक्टरों का शिकार होते नजर आ रहे हैं।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की निन्दा करते हुए तत्काल बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्र को सरकार से चालू कराने की मांग की है और भ्रष्ट स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं डाक्टरों तथा आशा एनम लोगों की जांच करने की मांग की है।