किसान संघर्ष मोर्चा ने किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ चकिया में मार्च निकाल कर किया पुतला दहन

किसान संघर्ष मोर्चा ने किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ चकिया में मार्च निकाल कर किया पुतला दहन

 Hindi Samachar-चन्दौली

किसान संघर्ष मोर्चा ने मोदी सरकार द्वारा संविधान व लोकतंत्र की हत्या करके बनाए गए तीन किसान विरोधी कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। 
सभा को संबोधित करते हुए आईपीएफ नेता अजय राय, फोटो-pnp

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 चकिया (चन्दौली)। मोदी सरकार द्वारा संविधान व लोकतंत्र की हत्या करके बनाए गए तीन किसान विरोधी कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। आरोप लगाया कि कोरपोरेट घरानो मुकेश अंबानी व गौतम अडानी की हम दर्द मोदी सरकार किसानों से जंग लड़ रही है। किसानों को तबाह करने पर तूली हुई।इस सरकार के खिलाफ चौतरफा किसान लड़ रहा है। 

इस नारे के तहत अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर चकिया में अखिल भारतीय किसान सभा,मजदूर किसान मंच, किसान विकास मंच और उत्तर प्रदेश किसान सभा के नेतृत्व में  जूलुस निकाल कर मुकेशअंबानी, गौतम अडानी व किसान बिल का गांधी पार्क में पुतला फूंक कर गांधी पार्क में सभा आयोजित किया।

इस मौके पर सभा में वक्ताओं  ने कहा कि किसानों का यह गुस्सा अचानक नहीं फूटा है। जिस प्रकार से राज्यसभा में संविधान व लोकतंत्र की हत्या करके इन तीनों कानूनों को पारित करवाया गया, उसने किसानों के अंदर संचित गुस्से का विस्फोट कर दिया है।

 आज इन कानूनों के खिलाफ पूरे देश के किसान आंदोलित हैं। तीनों काले कानूनों पर किसानों का पक्ष पूरी तरह सही है। उनकी मांग पूरी तरह जायज है कि ये काूनन खेती व किसानी को चौपट कर कारपोरेटों का गुलाम बनाने वाली नीतियां हैं। 

आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आलू-प्याज जैसे आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी नहीं हो सकती थी, लेकिन अब उसका दरवाजा खोल दिया गया है।  अब पूंजीपति सस्ते दर पर किसानों का सामान खरीदेंगे और और फिर महंगा बेचेंगे। उन्हें मुनाफा कमाने की छूट मिल गई है।

किसानों की मांग थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गांरटी करे। खेती के लागत का डेढ़ गुनी कीमत तय करने की सिफारिश स्वामीनाथन आयोग ने की थी, लेकिन सरकार उसे केवल कागज पर लागू कर रही है, जमीन पर वह कहीं लागू नहीं है।  

मार्च निकालते हुए किसान, फोटो-pnp

यूपी सीएम योगी ने भी खेती को चौपट कर दिया हैं। आज के दौर में धान क्रय केन्द्र कागज पर है। देश - प्रदेश की खेती-किसानी को हम बर्बाद नहीं होने देंगे।

वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जिस तरह से किसानों को जगह- जगह रोकने की कोशिश है, वह संविधान व लोकतंत्र की हत्या है. किसानों का वोट लेकर सत्ता में आई इन सरकारों ने सारे नियम-कानून तोड़ दिए।

वक्ताओं ने कहा कि खराब कृषि नीति के खिलाफ किसानों का बड़ा आंदोलन खड़ा हो रहा है। श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ मजदूर लड़ रहे हैं,  आज काले किसान कानून के खिलाफ जगह जगह प्रतिवाद हो रहा हैं।

वक्ताओं ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने यदि जंग का ऐलान किया है, तो इस जंग के मैदान में किसान मजबूती से डटे हुए हैं। इन्हें दमन चक्र चलाकर भी दिल्ली में पहुंचने से रोका नहीं जा सका।  किसानों के समर्थन में विरोध दिवस बनाया है।  आम मेहनतकश जनता को एकजुट करना है। एक ओर किसानों की दुश्मन मोदी सरकार व कारपोरेट घराने हैं तो दूसरी ओर किसान व उनके समर्थन में देश की जनता है। 

सभा व पुतला दहन का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष राम अचल यादव, मजदूर किसान मंच के जिला  प्रभारी अजय राय, उत्तर प्रदेश किसान सभा के नेता शुकदेव मिश्रा, किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अवध  सिंह सहित फौजी मेजर चौहान, लालचंद यादव, उपेन्द्र सिंह, रामनिवास पाण्डेय, अशोक द्विवेदी, तबरेज़ आलम, शिवमुरत  राम,  मिश्री पासवान, राजेन्द्र यादव, भृगनाथ विश्वकर्मा, दिन बन्धु सिंह, वसीम  ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परमानन्द कुशवाहा  व संचालन शम्भु नाथ यादव ने किया।

......(रिपोर्ट-अलका राय)