नौगढ़ में आदिवासियों ने धरना देकर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को किया समर्थन

नौगढ़ में आदिवासियों ने धरना देकर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को किया समर्थन

Hindi Samachar-Chandauli

दिल्ली में अपनी सम्मान रूपी जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे किसानों के आंदोलन का हम आदिवासी किसान समर्थन करते हुए एकजुटता प्रदर्शित करते हैं। 

Breaking News, नौगढ़/चन्दौली।  दिल्ली में अपनी सम्मान रूपी जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे किसानों के आंदोलन का हम आदिवासी किसान समर्थन करते हुए एकजुटता प्रदर्शित करते हैं। यह लड़ाई नौगढ़ का आदिवासी किसान लंबे समय से लड़ रहा है।

 उक्त बातें नौगढ़ तहसील मुख्यालय पर अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के घटक अखिल भारतीय किसान महासभा, मजदूर किसान मंच ने धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपने के दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले)  राज्य सचिव कामरेड सुधाकर यादव ने कही।


इस मौके पर अखिल भारतीय किसान महासभा जिला काउंसिल सदस्य कामरेड रामकृत कोल ने कहा कि सरकार चाहे जितना भी भ्रम फैला ले पूरे देश का किसान तीनों काला कानून वापस कराने के पक्ष में है और आर पार की इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। 

 मजदूर किसान मंच के नेता रहीमुदीन ने कहा कि नौगढ़ का आदिवासी अपनी जमीन बचाने की लड़ाई के साथ साथ अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई भी लंबे समय से लड़ रहा है क्यों कि पुस्तों से बसे तथा खेती करते आ रहे आदिवासियों को वनाधिकार कानून का लाभ केवल इसलिए नहीं मिल पा रहा है कि इन्हें आदिवासी का दर्जा ही नहीं है। 


उन्होंने मांग किया की नौगढ़ में रह रही सभी आदिवासी जातियों को आदिवासी का दर्जा देते हुए सभी आदिवासी वनवासी व अन्य परंपरागत वन निवासियों को वनाधिकार कानून के तहत साढ़े चार एकड़ ज़मीन का पट्टा दिया जाय।

आदिवासी महिला नेत्री अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन(एपवा) जिलाध्क्ष मुन्नी देवी व मजदूर किसान मंच की विद्यावती देवी ने कहा कि नौगढ़ के बोझ ग्रामसभा अंतर्गत लहुरा डीह, सोना इत समेत तमाम गावों में पेयजापूर्ति नियमित नहीं है। 

 जिससे पेयजल का भारी संकट है पानी आने के इंतजार में लोगों का भोजन भी नहीं बन पाता, BLOकी लापरवाही की वजह से अभी भी बहुत सारे लोगों का नाम पंचायत चनाव के वोटरलिस्ट में शामिल नहीं हो पाया है।

 युवा मंच के नासीर ने कहा कि जयमोहनी पोस्ता के नौजवानों को खेल के मैदान से बेदखल किया जा रहा है, पुलिसिया उत्पीड़न इस कदर जारी है कि भैसोड़ा के पीड़ित किसान,जिसकी गेहूं की फसल कुछ अराजकतत्वों द्वारा जहरीली दवा छिड़ककर बर्बाद करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय पीड़ित किसान को ही चकरघट्ठा थाने में प्रताड़ित किया जाता है।

माले जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान, एआईपीएफ के रहीमुदीन अनिल विश्वकर्मा, मोहम्मद ईशा, मोहम्मद इब्राहिम, नासिर, फिरोज, रहीमुद्दीन, रामप्यारे गोंड, कलावती देवी सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे

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