Hindi Samachar/ कैमूर
राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क किनारे अधिग्रहण की गई भूमि एवं मकानों का मुआवजा कम मिलने से नाराज बाजारवासियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ
आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की।
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NHAI के खिलाफ नारेबाजी करते लोग |
दुर्गावती ( कैमूर )। राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क किनारे अधिग्रहण की गई भूमि एवं मकानों का मुआवजा कम मिलने से नाराज बाजारवासियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ
आक्रोश व्यक्त करते हुए खूब नारेबाजी की।
कर्मनाशा बाजार में स्थानीय लोगों ने उचित मुआवजा नहीं मिलने से प्रशासन एवं एनएचआई विभाग के विरुद्ध आक्रोश मार्च निकाला गया। आक्रोश मार्च में शामिल लोगों के द्वारा एनएचआई विभाग एवं भू अर्जन मुर्दाबाद के भी नारे लगाए।
इस मौके पर लोगों ने कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक जमीन एवं मकान को खाली नहीं करेंगे । चाहे इसके लिए जान भी क्यों न चली जाए और जरूरत पड़ा तो भारी जन आंदोलन किया जाएगा।
बताते चलें कि राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क को सिक्स लेन में तब्दील करने के लिए एन एच आई के द्वारा सड़क किनारे बने मकानों एवं जमीनों को अधिग्रहण किया जा रहा है।
इसके तहत कर्मनाशा बाजार के सड़क किनारे बने मकानों का अधिग्रहण की प्रक्रिया एनएचआई के द्वारा 2015 में ही कर ली गयी है लेकिन इस बात की जानकारी बाजार वासियों को नहीं हुई। एक सप्ताह पूर्व जब एनएचआई विभाग एवं दुर्गावती प्रखंड के अंचलाधिकारी द्वारा बाजार वासियों को अपनी जमीन एवं मकान खाली करने का निर्देश दिया गया तब बाजार वासियों का होश उड़ गए और सभी लोग आक्रोशित होकर अपनी मांग को लेकर आक्रोश मार्च निकालने का मन बना लिया और सोमवार की दोपहर में जमकर आक्रोश मार्च निकाल कर अपनी भड़ास निकाले और कहा कि व्यवसायिक दर से मुआवजे का 4 गुना देने के लिए जो सरकार के तरफ से घोषणा किया गया है वह मुआवजा मिलन के बाद ही मकान को खाली किया जाएगा।
उसके पहले कोई समझौता नहीं होगा। लोगों का कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है और मकान जबरदस्ती तोड़ने की भी बात कही जा रही है मकान अगर तोड़ दिया जाएगा तो वे अपने बाल बच्चों का पालन पोषण कैसे करेंगे और कहां रहेंगे उनकी समस्या को शासन प्रशासन के लोग सुनने के लिए तैयार नहीं है ।
एनएचआई विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारी जबरदस्ती मकान तोड़ना चाहते हैं जिसका लोगों के द्वारा विरोध किया जा रहा है भू अर्जन पदाधिकारी के उदासीन रवैया को लेकर बाजार वासी काफी नाराज हैं और बाजार वासियों का मानना है कि हम लोग मकान खाली नहीं करेंगे। जब तक नए दर से चौगुना व्यवसायिक रेट से मुआवजा नहीं मिलता है एनएचआई विभाग के पदाधिकारी एवं स्थानीय अंचल पदाधिकारी बार-बार यह कह रहे हैं कि मकान खाली करो।
अधिग्रहण की गई मकान एवं भूमि का मुआवजा की राशि केंद्र सरकार दे रही है तो जबरदस्ती राज्य सरकार क्यों कर रही है इसलिए यदि हम लोगों की मांग नहीं मानी गई तो हम लोग भले ही आत्महत्या कर लेंगे । लेकिन अपना मकान पुराने मुआवजे पर नहीं तोड़ने देंगे नए दर के रेट से मुआवजा मिलना चाहिए जो बाजार वासियों का हक है।
अगर शासन प्रशासन के लोग बाजार वासियों एवं ग्रामीणों के साथ ज्यादती करते हैं तो बाध्य एवं विवश होकर भारी जन आंदोलन किया जाएगा। अब देखना यह है कि क्या शासन प्रशासन एवं भू अर्जन के पदाधिकारियों के कानों पर जूं रेंगता है या नहीं।
...रिपोर्ट-संजय मल्होत्रा