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कैमूर जनपद में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से दुर्गावती क्षेत्र में मरीजों का शोषण हो रहा है, जबकि इस मसले पर उच्चाधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।
Breaking News, दुर्गावती (कैमूर)। बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से दुर्गावती क्षेत्र में मरीजों का हो रहा है शोषण, जबकि इस पर उच्चाधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।
आलम यह है कि ऑपरेशन कराने पहुंची महिला मरीज फूलमती देवी पति तुलसी प्रसाद ग्राम सारंगपुर निवासी एवं खजुरा निवासी फूला देवी अंजनी देवी आदि लोगों ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए बिहार सरकार द्वारा बंध्याकरण शिविर का आयोजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गावती में चल रहा है।
आरोप है कि जहां सरकार की सारी सुविधा होने के बावजूद भी मरीजों को बाहर जांच कराना पड़ता है और ऑपरेशन के बाद ऑपरेशन वार्ड में ले जाने के लिए प्रति मरीजों से डॉक्टरों के द्वारा ₹20 की वसूली ढूलाई करने के नाम पर लिया जाता है इतना ही नहीं मरीजों को घर छोड़ने के लिए एंबुलेंस का किराया ₹100 से लेकर ₹150 तक मरीजों से लिया जाता है।
सरकारी दवा मिलने के बावजूद भी आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अस्पताल के डॉक्टरों के मिलीभगत से 900 से 1000 तक का दवा बाहर से मरीजों को खरीदवाया जाता है तथा ऑपरेशन के दौरान मिलने वाली राशि प्राप्ति के लिए मरीजों को महीनों तक बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है।
वहीं दूसरी ओर अस्पताल में सरकार के द्वारा दंत चिकित्सा की व्यवस्था की गई है लेकिन अभी तक वह चालू नहीं कराया गया है जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जो कि यह बड़ी लापरवाही बरती जा रही है।
स्थिति तो यह है कि ऑपरेशन के दौरान बिजली कटने पर मरीजों को अंधेरे का सामना करना पड़ता है सरकार द्वारा मरीजों को सभी सुविधाएं रहने के बावजूद भी सरकारी लाभ नहीं मिल पाता है।
मजे की बात तो यह है कि सरकार द्वारा एक्सरे मशीन की सुविधा बहाल की गई है लेकिन हीला हवाली के चलते अभी तक एक्स-रे को चालू नहीं किया गया है जिससे मरीजों को बाहर प्राइवेट अस्पतालों में जाकर एक्सरे जांच कराना पड़ता है तब जाकर स्वास्थ्य कर्मी मरीजों का इलाज करते हैं।
अस्पताल की आशा व ममता कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रसव के दौरान आई महिला मरीजों को अस्पताल की सेवा भत्ता बताकर मरीजों का शोषण किया जाता है और निजी अस्पताल में पहुंचाया जाता है।
इतना ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में आशा और ममता ड्यूटी करती हैं और ड्यूटी से गायब होकर दूसरे तरफ महिलाओं का प्रसव भी कराती है जिसमें मरीज की अच्छी खासी रकम खर्चा होता है। शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए सरकार की व्यवस्था को बाधित करते हुए गत 3 महीने में कई नवजात शिशु की मृत्यु हो चुकी है।
बता दें कि ऑपरेशन वाले मरीजों को जमीन पर लिटा दिया जाता है यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है डॉक्टर प्रतिदिन ड्यूटी नहीं करते हैं बल्कि एक ही डॉक्टर 24 घंटे ड्यूटी करता है।
पूछने पर बताया जाता है कि यह हमारा रोस्टर है जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र विभाग के प्रमुख निदेशक पटना के द्वारा डॉक्टरों को प्रतिदिन ड्यूटी करने का निर्देश जारी है उसके बावजूद भी समय से ड्यूटी पर डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं। कभी कभार एक ही डॉक्टर 24 घंटे ड्यूटी को संभालते नजर आते है ।
दुर्गावती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दूरदराज जैसे पटना रांची बनारस मुगलसराय से चलकर दुर्गावती में ड्यूटी करने डॉक्टर लोग आते हैं और कागजातों में स्थानीय पता बताते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में बैसाखी के सहारे स्वास्थ्य विभाग चल रहा है।
मजदूर वर्ग गरीब तबके के मरीज को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाता है जिससे लाचार एवं विवश होकर झोलाछाप डॉक्टरों का शिकार बन जाते हैं। दुर्गावती क्षेत्र में दर्जनों बिना लाइसेंस के ही झोलाछाप चिकित्सक अपना-अपना डिस्पेंसरी खोलकर बैठे हुए हैं और मरीजों का शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
क्षेत्रीय ग्रामीणों की मानें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गावती में चिकित्सकों की मिलीभगत से झोलाछाप डॉक्टरों की कट रही है चांदी ।
आशा और चिकित्सक की मिलीभगत से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में अच्छा ढंग से इलाज कराने की सलाह देकर झोलाछाप डॉक्टरों के हाथों में मरीजों को सौंप दिया जाता है जहां से सरकारी चिकित्सकों को ऊपरी आमदनी के रूप में कमीशन मिल जाता है।
वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में दर्जनों उप स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के कारण मरीजों की स्थिति बद से बदतर हो गई है और आए दिन मरीज झोलाछाप डॉक्टरों का शिकार होते नजर आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की निंदा करते हुए ग्रामीणों ने यह भी कहा कि तत्काल बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्रों को सरकार से चालू कराने की मांग की जाती है और भ्रष्ट स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं डाक्टरों तथा आशा ममता कार्यकर्ताओं की जांच किया जाए अन्यथा बाध्य एवं विवश होकर क्षेत्रीय ग्रामीण जनता जन आंदोलन करेगी।
क्या कहते हैं भभुआ सदर अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग: प्रबंधक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ऐसी लापरवाही की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई किया जाएगा।
Report- संजय मल्होत्रा