सार
छह महीने से देश का अन्नदाता कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित है। कोरोना संक्रमण के खतरनाक माहौल में भी किसान दिल्ली बार्डरों पर जमे हुए हैं। आज किसान काला दिवस मना रहे हैं।
● 26 मई को आंदोलित किसानों के समर्थन में माकपा पार्टी दफ्तर पर काला दिवस मनाया गया
● आईपीएफ नेता अजय राय ने घर पर भी काले झंडे फहराकर व बांहों में काली पट्टी बाँध कर जताया विरोध
विस्तार
चन्दौली/चकिया। माकपा राज्य कमेटी सदस्य राम अचल यादव व आईपीएफ के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा है कि छह महीने से देश का अन्नदाता कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित हैं। कोरोना संक्रमण के खतरनाक माहौल में भी किसान दिल्ली बार्डरों पर जमे हुए हैं।
अब तक 400 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। वामदलों सहित 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था किसानों की मांगे मानी जायें ताकि किसान गांव-खेतों पर जाएं और देश की जनता के लिए अन्न उत्पादन में लगें किन्तु केंद्र सरकार हठवादिता पर अड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि 7 साल की मोदी सरकार की चौतरफा तबाही और तानाशाही के खिलाफ यह है काला दिवस ।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि कानूनों को रद्द कराने को लेकर आपराधिक चुप्पी साधे हुए है और अब किसान आंदोलन को कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है जबकि तथ्य यह है कि पांच राज्यों के चुनाव प्रचार और कुंभ मेला से देश में कोरोना बढ़ा है। जिसको लेकर देश भर के लोगों में आक्रोश है।
कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह से सरकार ने आपराधिक लापरवाही और उदासीनता का परिचय दिया उसके परिणामस्वरूप देश में मौत का तांडव जारी है।
उन्होंने देश के अधिक गाँवों में कोरोना संक्रमण फैल चुका है। गांवों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर, दवाई, ऑक्सीजन एवं संसाधनों का अभाव है जिससे गांव में रहने वाली अधिकांश आबादी प्रभावित हुई है।
आरोप लगाय कि सरकार कोरोना से मरने वाले मरीजों का आंकड़ा छुपा रही है। बीमारी आपदा प्रबंधन के तहत गांव स्तर पर कोरोना संक्रमण से मौत की सूची जारी कर मरने वालों के परिजनों को पाच लाख रूपये मुआवजा राशि दी जानी चाहिए।
जैसे अंग्रेजों ने देश को उपनिवेश बनाया था, उसी तरह किसानों को सरकार उद्योगपतिओं का गुलाम बना रही है। सच तो यह है कि यह कारपोरेट के लिए, कारपोरेट द्वारा चलाई जा रही, कारपोरेट की सरकार है।
उन्होंने कहा कि, "किसान आंदोलन कारपोरेट राज के खिलाफ है। लॉकडॉउन की वजह से जब कंपनियां बंद हो गई हैं! किसानों को मोदी सरकार तबाह करने पर जुटी है। इसको स्वीकार नहीं किया जायेगा।
तीनों काले कृषि कानून व चारों लेबरकोड वापस लेने होंगे। हर लोगों को वैक्सीन दवाई का इंतजाम करो! के नारें भी लगे व मेल द्वारा राष्ट्पति व प्रधानमंत्री जी को पत्र भी भेजा गया।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष परमानन्द कुशवाहा, जिला मंत्री लालचंद यादव,माकपा तहसील मंत्री शम्भू नाथ यादव, महिला नेत्री लालमनी विश्वकर्मा, सीटू नेता महानंद, नन्दलाल यादव, मजदूर किसान मंच के अमर बहादुर चौहान, तबरेज़, नौगढ़ में रहीमुदीन, रामेश्वर प्रसाद , भाकपा राज्य कमेटी सदस्य शुकदेव मिश्रा व खेत मजदूरों के नेता शिवमूरत राम ने अपने अपने घरों पर काले झंडे लगाकर विरोध किया।