यूपी: बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान “यास” का असर चन्दौली सहित पूर्वांचल में दिखेगा !

यूपी: बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान “यास” का असर चन्दौली सहित पूर्वांचल में दिखेगा !

सार

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान “यास” का असर चन्दौली जनपद सहित पूरे पूर्वांचल में संभावित है। 26 मई को हल्की से मध्यम वर्षा एवं 27 - 29 मई को भारी वर्षा होने के साथ ही आंधी – तूफान आ सकता है।

विस्तार

चन्दौली। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्रारा प्राप्त मौसम पूर्वानुमान आंकड़ों के अनुसार  बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान “यास” का असर पूर्व चन्दौली जनपद में भी संभावित है।      

आगामी सप्ताह में गरज – चमक के साथ 26 मई को हल्की से मध्यम वर्षा एवं 27 - 29 मई को भारी वर्षा होने की संभावना है, साथ ही आंधी – तूफान चलने की संभावना है। तथा बादल रहने का अनुमान है।  

वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, चन्दौली डॉ.एस.पी.सिंह तथा कृषि मौसम वैज्ञानिक ग्रामीण कृषि सेवा केंद्र चन्दौली कृष्ण मुरारी पांडेय ने बताया कि उस समय औसत अधिकतम तापमान 36.0 से 38.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य, न्यूनतम तापमान 25.0 से 27.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य एवं आर्द्रता 86% से 92% के मध्य तथा सामान्य से तेज गति से ज्यादातर पूर्व दिशा की ओर हवा चलने की संभावना है।

चेतावनी के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान “यास” का असर पूर्वांचल के अन्य जनपद के साथ चन्दौली जनपद में भी संभावित है।

 भारत मौसम विज्ञान विभाग द्रारा प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार “यास” चक्रवाती तूफ़ान का 26 मई के ओड़िसा के समुद्र तट पर धरती से ठकराने की संभावना है।          

चन्दौली जनपद में गरज-चमक के साथ 26-29 मई के बीच मध्यम से भारी बारिश एवम आंधी तूफान की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी किया है। कहा है कि कृपया सावधानी बरते।

किसान भाइयों को मौसम आधारित कृषि सलाह: 

1.  अगले 4-5 दिनों तक मध्यम से तेज बारिश की संभावना देखते हुए किसान भाईयो को सलाह दी जाती है की सब्जियों के फसलों में जल निकास की समुचित उपाय करे। 

2. सब्जियों में या खड़ी फसलों में सिचाई एवम रसायनों का छिड़काव रोक ले।  

3. गेंहू के भूसे को सुरक्षित तरीके से तिरपाल इत्याहि से ढके या सुरक्षित जगह रखे। 

4.  मंडियों या खेत-खलिहान में रखे। अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखे या तिरपाल इत्यादि से ढकने की व्यवस्था करे।

5. पशुओं को बारिश एवम तेज हवा से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर बांधे।

6.  गरज-चमक एवम बारिश के समय बड़े पेड़ो के निचे शरण लेने से बचे।

संवाद सहयोगी-मौसम विभाग.

 फोटो साभार - Google.