सार
जिस बुजुर्ग को डीएम संजीव सिंह ने सड़क के किनारे से चोटिल हालत में अस्पताल भिजवाया था उसकी पहचान हो गई है। उसे न पहचानने की बीमारी है, वह 30 मई से घर से लापता था।
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स्वास्थ्य की जानकारी लेते डीएम चन्दौली |
चंदौली। जिस बुजुर्ग को डीएम संजीव सिंह ने सड़क के किनारे से चोटिल हालत में अस्पताल भिजवाया था उसकी पहचान हो गई है।
वह कंदवा थाना के घोसवा गांव का है। उस बुजुर्ग की पहचान द्वारिका बिंद के रूप में हुई है, जिसे भूलने की बीमारी है।
बता दें कि बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डीएम साहब उन्हें देखने अस्पताल भी गए और बराबर खबर ले रहे हैं।
तभी से पहचान में जुटे रहे, अब उस बुजुर्ग की पहचान हो चुकी है। बुजुर्ग की तबीयत ठीक बताई जा रही है। वह स्वस्थ दिखने लगा है।
बता दें कि 2जून को जब डीएम साहब कलेक्ट्रेट कार्यालय से एन0आई0सी0 के लिये जा रहे थे।
इसी बीच रास्ते में बिछिया जी0टी0 रोड के किनारे अपरिहार्य स्थिति में एक बुजुर्ग को चोटिल होने के कारण बेहोशी हालात में पड़ा हुआ देखा था।
ज्योहीं डीएम साहब की उस व्यक्ति पर नजर पड़ी कि उन्होंने ड्राइवर से तत्काल गाड़ी को रुकवाया। साथ ही मौके पर रुककर एम्बुलेंस को बुलाए व उपचार हेतु कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय को भेजवाया।
जिलाधिकारी श्री सिंह द्वारा आस-पास के लोगों से बुजुर्ग व्यक्ति के पहचान की जानकारी भी ली गई मगर उस समय घायल बुजुर्ग की पहचान नहीं हो पायी।
खबर है कि उस बुजुर्ग की पहचान हो चुकी है वह जनपद के कंदवा थाना क्षेत्र के गांव का रहने वाला द्वारिका बिंद है। उसे भूलने की बीमारी है।
वह गरीब परिवार से जुड़ा हुआ है। परिवारजनों का कहना है कि बुजुर्ग 30 मई से घर से लापता रहे। उनकी काफी खोजबीन किया गया।
थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराया गया। गुम होने के बाद चारों तरफ पोस्टर भी चस्पा किया गया। लेकिन कहीं पता नहीं चल सका था।
फिर 2 जून को डीएम ने बेहोशी की हालत में सड़क के किनारे देखा। डीएम संजीव सिंह की संवेदनशीलता व दयालुता से उस बुजुर्ग की जान बच पाई। इसके लिए चन्दौली वासी डीएम साहब को सलाम कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी: विशाल पटेल