गाड़ी संख्या 04223 बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस में 4 वर्षीय एक बच्चा जो लावारिस हाल में रो रहा था, उसे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया।
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बच्चे को चाइल्ड लाइन को सौंपते हुए आरपीएफ जवान, फोटो-pnp |
जब यह बच्चा ट्रेन में एक सीट पर लावारिस हालात रो रहा था , एक स्थानीय व्यक्ति जो अपने परिवार को छोड़ने आया हुआ था और साथ ही आरपीएफ के ऑनड्यूटी अधिकारी उपनिरीक्षक प्रभुनाथ व उप निरीक्षक आर के राय द्वारा उस बच्चे के पास पहुंच कर पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ की वह बच्चा ट्रेन में सीट पर सो रहा था। वह जगने के बाद अपनी मां को खोजने लगा।
उसके द्वारा एक प्लास्टिक झोला जो वही सीट के पास रखा हुआ था जिसमे उसके मां व उसका दैनिक प्रयोग के कपड़े हैं को भी चिन्हित किया गया। जिस झोले का कोई अन्य दावेदार भी नही था। उस बच्चे के बताने पर उसे उतारा गया। जिसमें उसके बताये अनुसार उसकी माँ पूनम कुमारी के नाम का हस्तलिखित मधुबनी जिले का जयनगर के विद्यालय का प्रमाण पत्र पाया गया।
पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम कमलेश उम्र 4 वर्ष माता का नाम पूनम कुमारी एवं पिता का नाम शंकर बताया। अन्य विवरण कुछ भी नहीं बता सका, साथ ही अन्य कोचों में भी आवाज देकर बच्चे व उसके माँ पूनम के बावत पूछा गया परंतु कोई भी महिला सामने नहीं आई।
अतः बच्चे को सुरक्षित बरामद कर आरपीएफ पोस्ट सासाराम लाया गया। जिसकी सूचना से चाइल्डलाइन सासाराम को अवगत कराया गया। जिसे बाद में चाइल्ड लाइन रोहतास से श्रीमती शारदा, विनय कुमार, श्यामबिहारी टीम मेंबर आरपीएफ पोस्ट पर आकर बच्चे को सुरक्षित प्राप्त कर सीडब्ल्यूसी रोहतास के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु लेकर रवाना हुए।