बाल हृदय योजना ने नौ वर्षीय सोनम के माता-पिता के चेहरे पर लौटाई मुस्कान

बाल हृदय योजना ने नौ वर्षीय सोनम के माता-पिता के चेहरे पर लौटाई मुस्कान

तकरीबन 8 वर्ष पूर्व चेनारी निवासी धर्मेंद्र कुमार की बेटी सोनम कुमारी, जब मात्र छह महीने की थी तो उन्हें जानकारी हुई कि उनकी बेटी के दिल में छेद है।

फाइल फोटो, pnp

बाल हृदय योजना के तहत सोनम के दिल में छेद का हुआ निःशुल्क इलाज

संजय कुमार तिवारी, रोहतास /सासाराम। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित  बाल हृदय योजना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा निशुल्क इलाज और ऑपरेशन से लोगों को काफी राहत मिल रही है। 


खासकर गरीब तबके के लोग इस योजना से काफी लाभान्वित हो रहे हैं और इसके लिए बिहार सरकार को धन्यवाद भी दे रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं रोहतास जिला अंतर्गत चेनारी प्रखंड के चेनारी निवासी धर्मेंद्र कुमार पासी और उनकी पत्नी पूजा देवी पेशे से मजदूर हैं। धर्मेंद्र कुमार को तकरीबन 8 वर्ष पूर्व  उनकी बेटी सोनम कुमारी जब मात्र 6 महीने की थी तो उन्हें जानकारी हुई कि उनकी बेटी के दिल में छेद है। जानकारी मिलते ही धर्मेंद्र कुमार और उनकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि उन्होंने सुन रखा था इसके इलाज में लाखों रुपए खर्च होते हैं जो उनके पास नहीं थे। परंतु अपने बच्चों की खुशी के लिए माता पिता जमीन आसमान एक कर देते हैं। वैसे ही धर्मेंद्र कुमार ने दिन रात मेहनत करके अपनी बेटी का इलाज वाराणसी के एक निजी क्लीनिक में कराना शुरू किया। उस दौरान दो से 2 से 3 लाख खर्च होने के बाद भी बीमारी ठीक नहीं हुई।  पैसे के भाव में वहां भी इलाज कराना छोड़ दिया। 5 माह पूर्व अचानक ही उनकी बेटी खेलते खेलते बेहोश हो गई तब उसे सासाराम सदर अस्पताल में दिखाया गया जहां डाक्टरों ने आईजीआईएमएस पटना रेफर कर दिया।


आईजीआईएमएस में शुरू हुआ इलाज


सासाराम सदर अस्पताल में संचालित आरबीएसके की टीम ने योजना के तहत सारी प्रक्रिया पूरी करके सोनम कुमारी को पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्था (आइजीआइएमएस) भेजा गया जहां सोनम का इलाज शुरू हुआ। इसकी जानकारी देते हुए आरबीएसके के जिला कोऑर्डिनेटर डॉक्टर नंद किशोर चतुर्वेदी ने बताया कि स्कूल मोबिलाइजेशन के दौरान 6 मार्च 2021 को सोनम के दिल में छेद होने की जानकारी मिली। उसके बाद सारी प्रक्रिया पूरी करके 17 मार्च 2021 को इलाज के लिए पटना स्थित आईजीआईएमएस भेजा गया जहां पर सोनम का इलाज शुरू हुआ। तकरीबन 4 महीने के इलाज के बाद सोनम का रिपोर्ट नॉर्मल आया और डॉक्टरों ने छिद्र को बंद होने की बात कही। डॉक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि 6 अगस्त 2021 को आए फाइनल रिपोर्ट में पाया गया कि सोनम के दिल में मौजूद छेद पूरी तरह से भर चुका है और वह पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि बाल हृदय योजना के तहत इलाज से लेकर ऑपरेशन तक जो भी खर्च होते हैं वो बिहार सरकार वहन करती है। साथ ही साथ घर से जाने से लेकर घर वापसी तक का भी पूरा पैसा राज्य सरकार ही वहन करती है।


परिजनों ने जाहिर की अपनी खुशी


सोनम को पूरी तरह से स्वस्थ होने और दिल में मौजूद छेद पूरी तरह भर जाने की खबर से सोनम के माता पिता ने खुशी व्यक्त किया है। मजदूर पिता धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि उन्होंने तो आस ही छोड़ दिया था कि अब उनकी बेटी ठीक होंगी क्योंकि बनारस में इलाज के बाद उनकी माली हालात काफी खराब हो चुकी थी। ऐसे में परिवार को चलाना और  साथ साथ सोनम का इलाज कराना उनके लिए संभव नहीं था। अन्तत: उन्होंने सोनम को भगवान भरोसे छोड़ दिया। आज सोनम के ठीक होने के बाद सोनम के पिता धर्मेंद्र कुमार और माता पूजा देवी काफी खुश दिखाई दे रहें है कि सोनम पहले की तरह अपने आंगन में उछल कूद कर रही है।