कुल्हारिया दलित बस्ती में रास्ता नहीं बना तो होगा जन आंदोलन : बाबूलाल

कुल्हारिया दलित बस्ती में रास्ता नहीं बना तो होगा जन आंदोलन : बाबूलाल

 ग्राम पंचायत खजुरा के कुल्हारिया दलित बस्ती में आजादी से लेकर आज भी ग्रामीणों को आने जाने के लिए  पक्की सड़क नसीब नहीं है। 


दुर्गावती (कैमूर)। ग्राम पंचायत खजुरा के कुल्हारिया दलित बस्ती में आजादी से लेकर आज भी ग्रामीणों को आने जाने के लिए  पक्की सड़क नसीब नहीं है। जबकि सरकारी रास्ता कायम है, उसके बावजूद भी आजादी से लेकर अब तक सड़क नहीं बन पाई है। जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है ।

क्या कहते हैं गांव के लोग: बाबूलाल राम, राजकुमार राम, ददन राम, अवधेश कुमार, संतोष कुमार, हरिद्वार राम, मनोज कुमार, चिंता देवी,  कुसुमलता देवी, बेचनी देवी, रीना देवी,  सुनीता देवी, बलिराम राम, हरिलाल राम, रामबली राम आदि ग्रामीणों का कहना है कि कुलहरिया दलित बस्ती में सरकारी रास्ता है लेकिन उक्त रास्ता पर पानी लगा हुआ है। जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 


मजे की बात तो यह है कि ग्रामीण अपना जूता हाथ में लेकर एवं साइकिल को कंधे पर रख अपने घर से बाहर 100 मीटर की दूरी से होते हुए कीचड़ युक्त पानी से होकर सड़क पर जाते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि  बुजुर्ग महिला हो या पुरुष किसी का तबीयत खराब होने पर घर तक गाड़ी साधन नहीं जा सकता है। मरीजों को चारपाई पर लेटा कर सड़क पर लाया जाता है, तब मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है। कभी-कभी मरीज ज्यादा सीरियस में होने से तड़पते नजर आते हैं। 

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वहीं ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय प्रतिनिधि एवं स्थानीय शासन प्रशासन के लोगों से उक्त रास्ता को बनाने के लिए कई बार ग्रामीणों के द्वारा मांग किया जा चुका है लेकिन आश्वासन देते हुए अभी तक रास्ता नहीं बन पाया है और वहीं दूसरी ओर प्रतिनिधि हो या शासन प्रशासन के लोग सब कुछ जानते हुए भी सभी लोग मूकदर्शक बने हुए हैं।अगर यही ऊंची जाति के लोगों की बस्ती होता तो अब तक यह सड़क बनने से बाकी नहीं रहता है। 


ग्रामीणों ने बिहार सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द दलित बस्ती में मिटटी करण कराते हुए रास्ता को बनवाया जाए ,नहीं तो लाचार एवं विवश होकर दलित बस्ती के लोग जन आंदोलन करने को बाध्य होंगे।