पूर्व में इस भूमि पर विवाद था, गत नवंबर के महीने में तत्कालीन अंचलाधिकारी द्वारा झंडा हटवाया गया था। यहां किसी तरह का कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।
● कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां, ग्रामीणों में बढ़ी नाराजगी
कुमार चंद्रभूषण तिवारी, कैमूर। कुदरा प्रखंड के घटाँव पंचायत अंतर्गत पट्टी गांव में बीते मंगलवार को अंचल अधिकारी मोहनियाँ सह प्रभार कुदरा ने सरकारी भूमि पर एक विशेष वर्ग द्वारा कब्जा किए जाने के खिलाफ ग्रामीणों के दिए गए आवेदन के विरुद्ध आरोपियों को ही उपयोग के लिए सौंप दी। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने डीएम से गुहार लगाई है।
ग्रामीणों द्वारा लगाये गए आरोपों को सच मानें तो यहां पूर्व में भी उक्त भूमि पर विवाद था, जिसे गत नवंबर के महीने में तत्कालीन अंचलाधिकारी द्वारा झंडा हटवाया गया था, उस समय यह भी निर्देश दिया गया था कि उक्त भूमि पर किसी तरह का धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।
आरोप है कि इसके बावजूद मौजूदा अंचलाधिकारी ने ग्रामीणों की एक भी नहीं सुनी और तत्कालीन अंचलाधिकारी के निर्णय को बदलते हुए नियम के विपरीत फैसला लेने की चर्चा है । इससे सभी ग्रामीण असंतुष्ट हैं।
ग्रामीणों द्वारा कानून व्यवस्था के रखवाले, प्रशासनिक पदाधिकारी, पत्रकार, समाज सेवक एवं संविधान रक्षक देशवासियों से न्याय हेतु गुहार लगाई है। कहा कि- गरीबों, दलितों की आवाज को दबाने व कुचलने से बचाया जाए।
बताया जाता है कि नियमानुसार किसी भी सरकारी भूमि में सामाजिक, धार्मिक व अन्य कार्य करने के लिए अनुमति देने का अधिकार किसी भी अंचलाधिकारी को नहीं है। पर मौजूद अंचला अधिकारी द्वारा पूर्व में रोके गए कार्य में एक तरफा निर्णय लेते हुए धार्मिक जैसे कार्य करने की अनुमति दे दी।
यह कैसा कानून है, जहां गरीबों के हित की रक्षा भी न हो सके। ग्रामीणों ने अंचलधिकारी के इस आदेश को रोकने की मांग की है। आरोप यह है कि अंचलधिकारी एवं प्रशासन की उपस्थिति में कोविड-19 के गाइडलाईन का भी धज्जियां उड़ाई जा रही है।
इधर, कैमूर जिला पदाधिकारी का आदेश है की कहीं भी किसी तरह का जुलूस नहीं निकाला जाएगा, साथ ही आप देख सकते हैं कि बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंस का पालन किये ही भीड़ बढ़ने का खतरा अधिक है।