ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट चकिया की कार्रवाई से ताल बंधी की जमीन पर मकान बनाने या जमीन की खरीद करने वालों में हड़कंप मच गया है।
● कार्रवाई से मचा हड़कंप, ताल बंधी की जमीन पर मकान बनाने वालों ने खाली करनी शुरू कर दी
● दस्तावेज में हेराफेरी कर 28 लोगों को जमीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज करने की आईपीएफ नेता अजय राय ने उठाई मांग
चन्दौली/चकिया। अधिकारी कड़क और निष्पक्ष हो और सत्ता के दबाव में नहीं, कानून के हिसाब से काम करे तो मजाल है कि जमीन के दस्तावेज में हेराफेरी कर कोई सरकारी जमीन बेच दे और कोई खरीद सके। उसी का उदाहरण आज चकिया में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी की भूमिका देखकर लगाने लगा है।
जब वर्तमान खतौनी 1426 -1431 के खाते स०127 अ०ज०547 व 545 पर ताल और बांध दर्ज हैं तो पहले तो नोटिस उस जमीन के खरीदार को दो बार दिए और आज दो थाने की फोर्स क्षेत्राधिकारी, सकलडीहा के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जो अभी खण्ड विकास अधिकारी के चार्ज में हैं और नगर पंचायत व तहसील के सैकड़ों कर्मचारियों, लेखपाल को लेकर चिलचिलाती धूप में खुद जमीन की निशान देही व कटीली तार से घेराबंदी शुरू की तो हड़कंप मच गया।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ उपजिलाधिकारी के तेवर को देख भाजपाई का विरोध थोड़ी नारेबाजी कर केवल रस्में अदायगी बन कर रह गयी थी, 28 लोंगो में जो अभी जमीन की खरीददार थे उसमें अभी आधा दर्जन जो मकान बनाकर रह रहे थे या दूकान खोल रखे, उन्होंने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रुख देख कर मकान से अपना समान निकालना ही बेहतर समझा और समान हटाने में जुट गए।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ उपजिलाधिकारी के चकिया आने से जहाँ अतिक्रमण करने वाले में हड़कंप मचा हुआ है वहीं फरियाद करने वाले लोगों में एक आस भी जगी है। लेकिन जमीन दस्तावेजी असलियत को बिना जाने कुछ ऐसे परिवार जो अपनी जमां पूंजी इकट्ठा करके मकान बनवाया या जमीन खरीद किए थे। उनकी दर्द देखकर कोई भी संवेदनशील नागरिक वहाँ की आज की स्थिति देखकर द्रविड़ हो जाएगा।
खतौनी 1426 -1431 फसली के खात स० 127 अ० न०547 व 545 पर ताल व बांध दर्ज है, तब तो 28 लोगों को बेचने वाले पार्वती, लाचीऔर कलावती के खिलाफ कार्रवाई हो और खरीदने वाले का पैसा बेचने वाले से दिलाने में प्रशासन पहल करें। आज ताल बंधे सहित कई अतिक्रमण को मुक्त कराने के अभियान चला रहे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट / उपजिलाधिकारी के पहल का भविष्य में जनहित को देखकर स्वागत करते हुए आईपीएफ के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कार्रवाई की मांग उठाया है।
उन्होंने कहा कि वार्ड नम्बर 5, 1347 फ० बंदोबस्त के जमन 12 जलमग्न भूमि ताल के नाम से खाता संख्या 183 गाटा संख्या 547 रकबा 1.391 हे ० व खाता संख्या 190 आ ० न ० 545 रकबा 0.986 हे ० बाँध अंकित है, तथा खतौनी फसली 1420 से 1425 के खाता संख्या 114 पर श्रेणी 1 क सं ० भू ० दर्ज खातेदारो पार्वती, लाची, कलावती के नाम दर्ज था, इन्हीं लोंगों द्वारा अन्य को बतौर बैनामा 26 व्यक्तियों को बेचा गया, जिसके बाबत न्यायालय SDM चकिया के वाद संख्या t201314182186 फैसला तिथि 6.4.2018 द्वारा उपरोक्त आ ० नम्बरान सं ० भू ० से खारिज करके ताल व बाँध दर्ज किया गया, जो वर्तमान खतौनी 1426-1431 फसली के खाता स ०-127 आ ० न ०-547 व 545/2 पर ताल व बाँध के रूप मे दर्ज है। जिस पर लगभग 28 लोग काबिज हैं। खरीददार जमीन की स्थिति से अनजान थे।
चकिया ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सकलडीहा, क्षेत्राधिकारी चकिया, कोतवाल चकिया, तहसीलदार, ईओ सहित सैकड़ों पुलिस, लेखपाल, नगर पंचायत कर्मचारी मौजूद रहें।