बिहार: कैमूर के चौबेपुर सिवान में सूफी अली अहमद हसन शाह मंसूरी के दरगाह पर हर दिन लगता है मेला

बिहार: कैमूर के चौबेपुर सिवान में सूफी अली अहमद हसन शाह मंसूरी के दरगाह पर हर दिन लगता है मेला

 सूफी अली अहमद हसन शाह मंसूरी सिलसिला कादरी चिश्ती आवुल वलाई जहांगीरी हसनी मंसूरी का दरगाह चौबेपुर सिवान के ग्राम पंचायत भदौला में बाबा का मजार स्थित है।

मजार पर जुटी भीड़, फोटो-pnp

प्रबंधक ने सुरक्षा एवं दरगाह को मुख्य मार्ग से जोड़ने की मुख्यमंत्री से लगाई गुहार


रिपोर्ट:विनोद कुमार राम

कैमूर/भभुआ । सूफी अली अहमद हसन शाह मंसूरी सिलसिला कादरी चिश्ती आवुल वलाई जहांगीरी हसनी मंसूरी का दरगाह चौबेपुर सिवान के ग्राम पंचायत भदौला में बाबा का मजार स्थित है।


 बाबा के मजार पर मुंबई, कोलकाता, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई प्रदेश के लोगों ‌का आगमन होता है। मजार पर मानसिक, प्रेत आत्मा, गृह कलह, दुख दर्द  पर मजार आने पर इन समस्याओं से निजात पाते हैं। यहां के प्रबंधक शहजादे नसीन सुफी अली अहमद शाह प्रेस को बताया कि सूफी अली मोहम्मद हसन शाह मंसूरी का निर्धन मुंबई में 21 अक्टूबर 2003 में हो गया था। 

मजार पर माथा टेकते लोग, फोटो-pnp

बाबा की अंतिम इच्छा थी कि कैमूर जिले के कुदरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भदौला के चौबेपुर सिवान के कब्र में दफन करने की अंतिम इच्छा थी। मेरे द्वारा उनके शव को चौबेपुर के मजार पर दफन कराया गया। 


मेरे द्वारा कुदरा थाना क्षेत्र के औरैया निवासी किसान संत सिंह के पुत्र लालेश्वर प्रसाद सिंह से खाता संख्या 60, खेसरा नंबर दो ,रकबा 12.5 डिसमिल जमीन का रजिस्ट्री करा कर उनका शव को दफन कराया। उनकी मजार पर देश के विभिन्न  प्रदेशों से लोग आकर सुख शांति के लिए दुआ मांगते हैं। 

दरगाह पर चादर चढ़ाते हुए, फोटो-pnp

प्रबंधक नसीन सुफी अली अहमद शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, स्थानीय सांसद छेदी पासवान, रोहतास कैमूर के एमएलसी संतोष कुमार सिंह, स्थानीय विधायक श्रीमती संगीता कुमारी, कैमूर जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला, प्रखंड विकास पदाधिकारी कुदरा, अंचलाधिकारी कुदरा, ग्राम पंचायत मुखिया भदौला बाबा के मजार तक बिहार सरकार के जमीन उपलब्ध है जो सांमतों द्वारा दखल कब्जा करके रखा है। 


उन्होंने स्थानीय प्रशासन से यथाशीघ्र मुख्य मार्ग से सड़क निर्माण करने की मांग किया है। एवं बाबा के मजार को चाहुऊ और से घेराबंदी करने की मांग किया है। प्रबंधक नसीन सुफी अली अहमद शाह ने बताया कि बाबा सुफी सैयद अली अहमद हसन शाह न्यू प्रकाश नगर, धामन कर, नाका नरपोली, भिवंडी, जिला ठाणे महाराष्ट्र के धरती पर अंतिम सांस लिया। 


उनकी आखिरी ख्वाहिश थी कि कैमूर जिले के चौबेपुर में उनका कब्र बनाया जाए उन्हीं के कथना अनुसार साथ 29 अक्टूबर 2003 को कब्र का निर्माण करते हुए मजार के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। आज परदेस नहीं देश के कई नामी-गिरामी प्रदेशों से बाबा की मजार पर दर्शन करने के लिए तांता लगा रहता है। 


उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन से मांग करता हूं कि यहां मजार पर जनता की जनहित को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टिकोण बढ़ाया जाए एवं चारों ओर से घेराबंदी करके मजार को सुरक्षा एवं सुरक्षित रखने की निर्णायक भूमिका निभाई जाए।