हाय रे! नीतीश सरकार: पगडंडी के सहारे जिंदगी काटने की विवशता

हाय रे! नीतीश सरकार: पगडंडी के सहारे जिंदगी काटने की विवशता

विकास पुरुष नीतीश कुमार की सरकार में इसे शासन सत्ता की उपेक्षा कहें अथवा अधिकारियों की लापरवाही। दिनारा प्रखंड में कई गांव ऐसे हैं, जो पक्की सड़क से नहीं जुड़ पाए। 

यही है विकास का दावा, फोटो-pnp

रोहतास/दिनारा। विकास पुरुष नीतीश कुमार की सरकार में इसे शासन सत्ता की उपेक्षा कहें अथवा अधिकारियों की लापरवाही। आज भी रोहतास जनपद के दिनारा प्रखंड में कई गांव ऐसे है जो पक्की सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं। कच्ची सड़क के सहारे लोगों की जिंदगी कटनी नियति सी बन चुकी है।


प्रखंड क्षेत्र के सैसड पंचायत का वार्ड संख्या 10 जहां पर लगभग 350 सौ की आबादी कीचड़ भरे रास्ते पर चलने को विवश है। यह एक राजस्व गांव है जो पिटसर  के नाम से जाना जाता है। यह गांव प्रखंड मुख्यालय से लगभग 17-18 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। 


 जबकि आस पास के गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं । यहां के लोग इस बात को लेकर निराशा पनप रही है। शायद  उन्हें भी पक्की सड़क पर चलने का मौका मिले। हर बार चुनाव होते हैं, लोग उत्साह के साथ अपना मत इस उम्मीद के साथ देते हैं कि शायद नेतागण उनकी इस समस्या से निजात दिला पाएंगे।

कच्ची सड़क बनी नियति, फोटो pnp

परन्तु जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने समस्या को जस का तस बनाए रखा। गांव के किसान सत्यनारायण सिंह, पटनायक सिंह एवं सुनील सिंह ने बताया कि जब बरसात की रात में किसी की तबीयत खराब होती है, तो लोगों को कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। लोग विवश होकर चारपाई पर रोगी को लेकर इलाज हेतु दिनारा अथवा अन्य जगहों पर जाने को विवश होते है।