कर्मनाशा नदी उफान पर, तटवर्ती ग्रामीण इलाकों में दहशत

कर्मनाशा नदी उफान पर, तटवर्ती ग्रामीण इलाकों में दहशत

यूपी-बिहार को जोड़ने वाली कर्मनाशा नदी का पानी उफान पर है, जिसका नतीजा है कि नदी के तटवर्ती ग्रामीण इलाकों के लोग काफी भयभीत दिख रहे हैं। 

कर्मनाशा नदी का बढ़ता जल स्तर, फोटो-pnp

संजय मल्होत्रा, दुर्गावती (कैमूर)। यूपी-बिहार को जोड़ने वाली कर्मनाशा नदी का पानी उफान पर है, जिसका नतीजा है कि नदी के तटवर्ती ग्रामीण इलाकों के लोग काफी भयभीत दिख रहे हैं। कर्मनाशा नदी में तेजी से पानी बढ़ने से कई गांव चपेट में आ सकते हैं।


 क्षेत्रीय ग्रामीणों की मानें तो नदी का जल स्तर बढ़ने से सैकड़ों एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई है, जहां किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है कर्मनाशा नदी से अवैध खनन होने के बाद कई गांव कटाव के जद में आ गए हैं।

Also Read: चकिया में नदी नाले उफान पर, स्थिति भयावह

आलम यह है कि पानी इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि क्षेत्रीय ग्रामीणों में अफरा-तफरी मची हुई हैं। मिली जानकारी के अनुसार मूसाखांड डैम बांध से बीते बुधवार की देर शाम 6:00 बजे 30 हजार क्यू एस के पानी छोड़ा गया है, यहां की विवशता है जी मूसाखांड डैम बांध से पानी छोड़ा जाए। पानी छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। वहीं शासन-प्रशासन ने ग्रामीणों से सावधानी बरतने के लिए अपील की है। लगातर बढ़ रही नदियों जी पानी पर पैनी नजर बनाए हुऐ हैं।



बता दें कि कर्मनाशा नदी एक सप्ताह पूर्व उफान पर हुई थी, लेकिन कुछ ही समय में सीमित हो गई और वही अब दूसरा उफान की लहर कर्मनाशा नदी में चल रही है और यह दूसरा लहर काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिसको लेकर क्षेत्र में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। दोबारा नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों के सैकड़ों एकड़ धान की फसलें नष्ट हो जाएगी। 


 किसानों की सारी पूंजी पानी डूब गई और अपने भविष्य को लेकर किसान परेशान हैं। अगर तत्काल उनकी मदद नहीं की गई तो उनके खाने के भी लाले पड़ जाएंगे। अब देखना यह है कि शासन- प्रशासन के लोग क्षेत्रीय किसान एवं चपेट में आने वाले ग्रामीण इलाकों में कितना मदद करता है।