लगातर हो रही बरसात गरीबों के लिए आफत बन गयी है, कई गांवों में उनके आशियाना ढह चुके हैं। नाले-नालियां, बंधे व नदियां उफान पर हैं।
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कचहरी में भरा पानी, फोटो-pnp |
● कच्चे घरों में रहने वाले गरीबों के लिए आफत बनीं बारिश, सैकड़ों गरीबों का आशियाना ढहा
● आईपीएफ नेता अजय राय , चकिया ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष ई. अवधेश सिंह यादव व महामंत्री श्रीमती निधू सिंह ने मुआवजे की मांग की
एकाएक हुयी बरसात ने लोगों को संभलने का मौका नहीं दिया। चकिया नगर से लेकर गाँव तक जगह जगह जल ही जल दिख रहा है। चकिया के मुंसिफ कोर्ट तक पानी से लबालब भर गया है।
पानी की तेज वहाब की स्थिति यह रही कि कभी भी हादसा हो जाए। भारी बारिश से कई घर गिर चुके हैं। वहीं आदर्श नगर पंचायत चकिया के वार्ड दो, पुरानी चकिया में स्थित छोटी पहाड़ से छोटे बड़े चट्टान सरकर नीचे गिर रहे हैं। पहाड़ का मलबा भी सङक पर आ गया।
उस समय संयोग अच्छा था कि पहाड़ के किनारे रह रहे लोग बाल-बाल बच गए। बारिश से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का परिसर तालाब बन गया है। कर्मचारियों के घरों में भी बारिश घुस गया है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने धराशायी मकानों का निरीक्षण के साथ जन धन की क्षति का आंकलन किया। वहीं साथ ही क्षेत्र के लेखपालों को भी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने बारिश से गिरे मकानों की क्षति के अनुरूप मुआवजा देने की मांग उठायी है। चकिया में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बरसात में ध्वस्त गरीबों को आवास देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अमरा उतरी, सोनहुल, भभौरा, दिरेहु सहित करीब दर्जनों गाँव में गरीबों के घरों में भरने से मकान ध्वस्त हो गए हैं। आरोप है कि लेखपाल क्षति आंकलन सही तरह से नहीं कर रहे हैं।
इधर, ग्राम प्रधान संगठन के चकिया ब्लॉक के अध्यक्ष ई.अवधेश सिंह यादव व महामंत्री श्रीमती निधू सिंह ने भी क्षति के अनुसार मुआवजा देने की मांग अधिकारियों से की।