27 सितम्बर भारत बंद: काले कृषि कानूनों की वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन: संयुक्त किसान मोर्चा

27 सितम्बर भारत बंद: काले कृषि कानूनों की वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन: संयुक्त किसान मोर्चा

तीनों काले कानून और मजदूर विरोधी लेबर कोड को वापस लेने जैसे मांगों के समर्थन में भारत बंद पर पुलिस बल के बीच मार्च निकाला गया।

भारत बंद में मार्च निकालते किसान, फोटो: pnp

● किसान व राष्ट्र विरोधी काले कृषि कानून रद्द करने को लेकर किसान संगठनों ने किया मार्च


● भारत बंद को अधिवक्ता संघ ने भी समर्थन दिया और रहे हड़ताल पर 


● आप पार्टी के लोगों ने सभा स्थल पर आकर व्यक्त किया समर्थन, भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता पहुंचे कार्यक्रम में


चकिया, चन्दौली।  किसान विरोधी तीनों काले कानून और मजदूर विरोधी लेबर कोड को वापस लेने, बिजली संशोधन विधेयक 2021 को रद्द करने, निजीकरण पर रोक लगाने, एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चकिया में भारी पुलिस की मौजूदगी में भी अखिल भारतीय किसान सभा, किसान महासभा, मजदूर किसान मंच, किसान विकास मंच, उत्तर प्रदेश किसान सभा, ने चकिया में काली जी के पोखरे से विशाल जूलुस निकाला और पुरे बाजार घुमकर गांधी पार्क में सभा किया।


पुलिस बल के बीच किसानों का मार्च, फोटो-pnp

प्रदर्शन व सभा में नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई से खड़ी हुई जनसम्पत्ति को देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हाथ कौड़ी के मोल बेच रही है, विदेशी ताकतों की सेवा में दिन रात लगी हुई है।



काले कृषि कानूनों के जरिए उसने खेती किसानी पर भी हमला बोला है। किसानों का जारी आंदोलन कारपोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ देश को बचाने का आंदोलन है। यह आंदोलन काले कृषि कानूनों की वापसी तक जारी रहेगा। आज के सफल बंद ने इस बात को दिखाया है कि तमाम झूठे प्रचार व घोषणाओं के बावजूद देश की जनता सच्चाई जान रही है और इस सरकार को सत्ता से बेदखल करेगी।



सभा को अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य राम अचल यादव, मजदूर किसान मंच के प्रदेश संयोजक समिति सदस्य अजय राय, किसान महासभा के नेता अनिल पासवान, उत्तर प्रदेश किसान सभा के नेता शुकदेव मिश्रा, किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अबध सिहं के अलावा लालचंद यादव, लालमनी विश्वकर्मा, रामदुलार वनवासी, मेजर फौजी,शिब नारायण बिन्द, रामअंत पाण्डेय, वदरूरोजा, राम निवास पाण्डेय, अशोक दूबे, लालजी कुशवाहा, सुलतान खान, प्रिया अंद पाण्डेय,सहित कई नेताओं ने सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता परमानन्द कुशवाहा व संचालन शम्भू यादव ने किया।