छत विहिन, असहाय, गरीबों के लिए शहरों में बनी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की ड्रीम प्रोजेक्ट मान्यवर कांशीराम शहरी आवास योजना सरकार की दलगत राजनीति के कारण उपेक्षित है।

अपना दर्द बयां करते कांशीराम आवास के बाशिंदे, फोटो-pnp

●मूलभूत सुविधाएं से भी महरूम हैं यहाँ के रहने वाले
●चहुंओर गंदगी व अराजकतत्वों का है बोलवाला
मुगलसराय(चन्दौली)। छत विहिन, असहाय, गरीबों के लिए शहरों में बनी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की ड्रीम प्रोजेक्ट मान्यवर कांशीराम शहरी आवास योजना सरकार की दलगत राजनीति के कारण उपेक्षित है या इसे प्रशासन की लापरवाही व उपेक्षा भी के का शिकार है यह कहा नहीं जा सकता है
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शुद्ध पानी भी नसीब नहीं, फोटो-pnp |
उक्त बातें आज मनोहरपुर नियामताबाद में कांशीराम शहरी आवास में आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने यहां के निवासियों के साथ बैठक करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता व विकास की सही तस्वीर देखना हो तो यहाँ आकर देखा जा सकता हैं। यहां चारों तरफ गंदगी,जर्जर हो रहे मकान,दुर्गंधित पानी के बीच ही इनका जीवन बीत रहा है।
गंदगी के कारण यहाँ के निवासी आये दिन बीमारी के शिकार होते रहते हैं। सात चपाकल में एक मात्र चापाकल काम करता है। टंकी हैं लेकिन कई घरों में पानी ही नहीं पहुंचता हैं। सफाईकर्मी कभी-कभी आता हैं। गंदगी का पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है। यहाँ के निवासियों के दुर्दशा की शिकायत पर भी अधिकरियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगता हैं।
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उपेक्षा का शिकार, कांशीराम शहरी आवास, फोटो-pnp |
श्री राय ने कहा कि भाजपा राज में लगातार गरीबों की उपेक्षा की जा रही है और सबसे अधिक कांशीराम शहरी आवास में रहने वाले उपेक्षित हैं। सपा की सरकार थी तो भी यहाँ के निवासी मूलभूत सुविधाएं से महरूम थे और भाजपा राज में तो और यह संकट बढ़ गया है।
बसपा के नेताओं को तो इनके सवालों से कोई लेना देना नहीं रहता है। क्षेत्रीय नेता उदासीन है, वे तो वोट पाने के लिए ही राजनीति करते हैं। आलम यह है कि अब यहां के निवासियों का धर्य जबाब दे रहा है अब जनता के सवालों की अनदेखी करने वाले जनप्रतिनिधियों का बहिष्कार करने से लेकर अधिकारियों का घेराव किया जायेगा।
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दलगत राजनीति ने ऐसा बना दिया, फोटो: pnp |
आंदोलन के पहले चरण में कांशीराम शहरी आवास के निवासियों की तरफ से अधिकारियों को ज्ञापन व मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी जायेगी। फिर आर पार को लड़ाई होगी।