यूपी बिहार बॉर्डर के नौबतपुर में फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाने संबंधी मामले का एक बार फिर भंडाफोड़ हुआ है।
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कम्प्यूटर आदि कूटरचित सामान के साथ गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा, फोटो-pnp |
अलीनगर (चन्दौली)। यूपी बिहार बॉर्डर के नौबतपुर में फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाने संबंधी मामले का एक बार फिर भंडाफोड़ हुआ है। यह गिरोह सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुका है।
गिरोह का सरगना बुधवार की रात सैयदराजा थाना क्षेत्र के ग्राम बरठी कमरौर से अलीनगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया, उसके दो साथी भी पकड़े गए। गिरोह फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर वन विभाग की जाली रशीद और ई चालान बनाने का काम करते थे।
पुलिस ने भारी मात्रा में कूटरचित दस्तावेज, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, मोहर आदि बरामद किया है। बीते पांच अगस्त को वन विभाग के दरोगा संजय कुमार ने अली नगर थाने में प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की कि लकड़ी लादकर सैयदराजा बॉर्डर से रामनगर की ओर जा रहे एक ट्रक। शिकायत के आधार पर जांच की गई तो ड्राइवर के पास से वन विभाग का फर्जी अभिवहन पास और परिवहन रसीद मिली।
वहीं एसपी के निर्देश पर अलीनगर थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने बरठी कमरौर गांव में छापेमारी कर बरठी निवासी गुफरान खां, परेवा निवासी पवन कुमार गुप्ता, इरफान खां नौबतपुर को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, फिंगरप्रिंट, स्कैनर, लैपटॉप, प्रिंटर, फर्जी मोहर आदि बरामद हुए।
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गिरफ्तार सरकारी फर्जी कागजात बनाने वाला गिरोह, फोटो-pnp |
गिरोह का सरगना गुफरान खां उर्फ सोनू पहले बेशकीमती अष्ट धातु के शंख के साथ पकड़ा जा चुका था। तत्कालीन पुलिस कप्तान संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर मुगलसराय के कोतवाल शिवानंद मिश्रा ने गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद फिर से बरठी कमरौर में जाली दस्तावेज बनाने का अपना सिंडिकेट चला रहा था।
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह बिहार से कोयला आदि लाद कर आने वाले ट्रकों का फर्जी अभिवहन पास सी-6सी और शिड्यूल रसीद बनाकर ट्रक चालकों को देते थे ताकि वह जुर्माने से बच सकें। प्रति रसीद 1750 रुपए लेते थे साथ ही ई चालान को उचित तरीके से एडिट कर उसकी तिथि बदल देते थे और इस काम के एवज में तीन हो रुपए लेते थे। बड़े पैमाने पर डीएल बनाने का काम भी करते थे और जो पैसे मिलते थे उसे आपस में बांट लेते थे।
गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार सिंह, वरिष्ठ उप निरीक्षक रमेश यादव, श्रीकांत पांडे, बाबूराम यादव, कांस्टेबल नीरज सिंह, सुनील सिंह, सुमित सिंह आदि शामिल रहे।