सकलडीहा तहसील भवन में सरकारी आलमारी से गोपनीय दस्तावेज गायब होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।![]() |
यही है सकलडीहा तहसील जहां गायब होते हैं सरकारी रिकार्ड, फोटो-pnp |
● लेखपाल, कानूनगो व अन्य दफ्तरों में अपनों से अधिक बाहरियों से सुरक्षा का खतरा, मामला गायब होती पत्रावलियों का
सकलडीहा,चंदौली। सकलडीहा तहसील भवन में सरकारी आलमारी से गोपनीय दस्तावेज गायब होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।
स्थिति यह है कि कर्मचारियों की लापरवाही इस कदर हो गई है कि गोपनीय दस्तावेजों की रखवाली कृपा पात्र बाहरी लोगों से कराई जाती है, जिसका खामियाजा पीड़ित गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। कभी-कभी तहसील में रखा गया महत्वपूर्ण दस्तावेज भी या तो गायब करा दिया जाता है या तो लापरवाही से गायब हो जाता है।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ताजा मामला सकलडीहा तहसील के टेकापुर गांव का है। वहां के रहने वाले धर्मदेव राम ने आरोप लगाया है कि मुझे जमीन का पट्टा किया गया था, पर अभी तक उस पर काबिज नहीं करवाया गया। जबकि प्रशासन द्वारा नापी कराने के लिए आदेश भी तहसील एवं थाना द्वारा जारी कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात है कि जिस जमीन की पैमाइश करनी है, उसका दस्तावेज तहसील से गायब हो गया है। उस कागजात को ढूढने में पीड़ित दर-दर की ठोकरें खा रहा है। उसका दस्तावेज नहीं मिल रहा है। यह आरोप इसी पीड़ित व्यक्ति के ने लगाए हैं।
तहसील के कर्मचारियों की इस तरह की लापरवाही को देखते हुए पीड़ित ने आरोप लगाया है कि जिनके खेतों में आवंटित जमीन निकल रही है, उन लोगों ने ही सरकारी मशीनरी को मिलाकर तहसील से पट्टा का दस्तावेज गायब करा दिया है। खबर तो यह है कि तहसील के गोपनीय दस्तावेज के स्टॉक रूम में बाहरियों द्वारा कार्य कराया जाता है। तहसील के दफ्तर में दो दर्जन लोग बाहरी हैं, जो सारे सरकारी फाइलों को खंगालने का काम करते है। इन्हें, लेखपाल, कानूनगो, रजिस्ट्रार कानूनगो अपनी सुविधा के लिए मनमाना तरीके से रख दिया है। जिससे फाइलों के लिए सुरक्षा का खतरा बढ़ गया है।
खबर यह भी बताई जाती है कि दस्तावेज की देखभाल एवं लोगों को पत्रावली दिखाने के नाम पर कृपा पात्र लोग वसूली करते हैं, जो खुद रखते हैं और मातहतों को भी देते हैं। यह सेवाभाव ऊपर तक होता है।
आलम यह है कि ऐसे लोग एसडीएम के दफ्तर में भी काम कर रहे हैं। जहां तहसील की महत्वपूर्ण पत्रावली रखी गई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि लेखपाल, कानूनगो से लेकर तहसीलदार, एसडीएम कोर्ट सुरक्षा के खतरा कैसे बचेगा।
आखिर कोई पत्रावली कैसे गायब हो जा रही है। क्या अब तहसील भवन भी सुरक्षित नहीं है। और इस मामले में सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी खामोश क्यों हैं ? आखिर इसका खुलासा कब होगा। इस सवाल पर अधिकार दो शब्द कहते हैं कि ऎसी बात नहीं है। अगर ऐसा नहीं है तो कैसे गायब हो रही है पत्रावलियां ?