नौगढ़ विकास खण्ड के 42 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।
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सांकेतिक फोटो, pnp |
● 17 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय में सफाई के नाम पर चलता रहा खेल
● सफाई के नाम पर समूहों को फर्जी भुगतान का कौन जिम्मेदार ?
नौगढ़,चन्दौली। जनपद के नौगढ़ विकास खण्ड के 42 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। फिर भी 17 ग्राम पंचायतों में अधिकारियों के दबाव पर आनन-फानन में ₹27000 का फर्जी भुगतान कराकर सचिवों ने वाहवाही लूट ली। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने खेल कर दिया।
सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य तो अभी चल रहा है लेकिन उनकी सफाई व देखरेख के नाम पर लाखों रुपए स्वयं सहायता समूह को खाते में ट्रांसफर करने के बाद बंदरबांट किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। यदि पूरे मामले की जांच कराई जाए तो किए गए फर्जी भुगतान का खुलासा हो सकता है।
बताया जाता है कि विकास क्षेत्र के 43 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए धन अवमुक्त हुआ था। एक साल बाद भी सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा है।
मजेदार बात तो यह है कि 17 ग्राम पंचायतों ने अधूरे शौचालयों को ही समूह की महिलाओं को हैंडओवर कर दिया है। इतना ही नहीं समूहों को देखरेख के लिए 27 हजार की दर से प्रधान और पंचायत सचिवों ने डोंगल लगाकर खाते में ट्रांसफर भी कर दिया।अधूरे शौचालय उपयोग में नहीं आने से शासन की मंशा पर सवाल खड़ा हो रहा है।
गांव के लोगों का कहना है कि सामुदायिक शौचालयों में विद्युत कनेक्शन, मोटर, टाईल्स, टोटी, रंगाई-पोताई, पानी टंकी लगवाया हीं नहीं गया है। अधूरे सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कैसे हैंडओवरकर दिया गया। ऐसा करके शासन की मंशा पर पानी फेेरा जा रहा है। जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यदि हैंडओवर हुए सामुदायिक शौचालयों की वर्तमान स्थिति की जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
इन ग्राम पंचायतों ने सामुदायिक शौचालय के सफाई के नाम पर समूहों को किया भुगतान
विकास खण्ड के बोझ, भैसौड़ा ,बाघी, चिकनी, चुप्पेपुर, देवदत्तपुर, देवखत, देवरी कला, गोलाबाद, देउरा ,जयमोहनी, मझगांई, परसिया, मलेवर ,पिपराही, समशेरपुर, और सोनवार की ग्राम पंचायतों में ₹27000 का सफाई के नाम पर समूह के नाम पर कराया गया है भुगतान।
क्या कहते हैं सहायक विकास अधिकारी ?
प्रेमचंद्र ने बताया कि ग्राम पंचायतों को हर महीने प्रति सफाई कर्मचारी ₹6000 और सफाई व्यवस्था के लिए ₹3000 समूह को दिया जाना है। फर्जी भुगतान का मामला संज्ञान में नहीं है, जहां सामुदायिक शौचालय नहीं तैयार हैं, वहां जल्द ही तैयार कराकर समूह को हैंडओवर करा दिया जाएगा। यदि अगर पैसा खाते में भेजा गया है तो पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान के खिलाफ स्पष्टीकरण का नोटिस जारी किया जाएगा।
बीडीओ नौगढ़ ने क्या कहा ?
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सुदामा सिंह यादव ने बताया कि सामुदायिक शौचालय से जुड़ा मामला पंचायती राज विभाग का है, अगर मेरे यहां शिकायत आती है तो कार्रवाई करेंगे।