दो दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश में दर्जनों लोगों के कच्चे मकान ढह गए और साथ ही धान की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
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तूफानी चक्रवात में धान की बर्बाद फसल, फ़ोटो-pnp |
सकलडीहा, चन्दौली। सकलडीहा तहसील क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश में दर्जनों लोगों के कच्चे मकान ढह गए और साथ ही धान की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
नागेपुर के किसान चंद्रशेखर राय ने बताया कि बारिश के साथ आया चक्रवाती तूफान के चलते खेतों में धान की खड़ी फसल पानी में गिरने से बर्बाद हो रही है। इससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति पहुंचने की उम्मीद है। शुक्रवार को दोपहर बाद मौसम साफ होने से किसानों ने राहत की सांस ली है।
कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान बेहद परेशान
कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देश के बाद भी अभी तक सकलडीहा तहसील के राजस्व कर्मी बर्बाद फसलों की क्षति का आकलन करने नहीं पहुंचा। किसानों का कहना है कि धान की फसल खेतों में गिरकर चौपट हो गई है सबसे बुरी उन किसानों की है जिसने कर्ज लेकर धान की खेती की है। उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि चक्रवात से फसल के बर्बाद होने के कारण कैसे बैंक का कर्ज चुकता करेंगे।
किसान नेता ने किसानों को मदद की मांग उठाई
कांग्रेस नेता प्रदीप पांडे व उदय कुमार राय ने चंदौली जिला अधिकारी मांग की है कि किसानों की बर्बाद हुई फसल का आंकलन कर तत्काल उन्हें क्षतिपूर्ति दिलाई जाए।
जनपद में लगातार तीसरे दिन गुरुवार को हो रहे बरसात से एक तरफ जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वही रिहायशी मकान धराशाई होने से कई गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हो गया है।
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गिरा कच्चा मकान, फ़ोटो-pnp |
कच्चा व झोपड़ पट्टीनुमा रिहायशी मकान धराशाई
विकास खंड सकलडीहा के रामपुर उर्फ करनपुर गांव में चंपा देवी पत्नी स्व० जयश्री राम व सुरेंद्र मौर्य पुत्र स्व०गंगा मौर्य सहित क्षेत्र के कई गांव के गरीब परिवार के कच्चा मकान व झोपड़ पट्टीनुमा रिहायशी मकान धराशाई हो गया। अब इन गरीब परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है कि खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है।