एक महिला की मौत के मामले में न्यायालय ने जेठानी व जेठ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।
![]() |
सांकेतिक फाइल फोटो |
● कोर्ट की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी (Sanjay Tripathi) ने की पैरवी
चंदौली। जनपद के अपर सत्र न्यायाधीश ने एक महिला की मौत के मामले में जेठ व जेठानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इतने कम समय में मुकदमे में फैसला आने से वादकारी खुशी हैं, साथ ही लोगों का न्यायालय के प्रति विश्वास भी बढ़ा है।
ज्ञातव्य हो कि चंदौली जनपद के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी (Sanjay Tripathi) ने इस मामले की कोर्ट की ओर से पैरवी की है। मामला यह है कि सकलडीहा ब्लाक के सराय पकवान गांव निवासी राजेंद्र शंकर मिश्रा के द्वारा बबुरी थाने में लेवा गांव के निवासी विजय कुमार तिवारी तथा पत्नी सुधा तिवारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा 25 अक्टूबर 2019 को दर्ज कराया गया था।
वादी ने आरोप रहा कि उसकी पुत्री रेनू तिवारी की शादी लेवा गांव के विनय कुमार तिवारी से हुई थी, वहां जमीन के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में उसके जेठ और जेठानी द्वारा मारपीट कर घायल किया गया था।
आरोप है कि घटना के दिन 25 अक्टूबर, 2019 को रेनू तिवारी अपने बच्चों के साथ अपने कमरे में थी, उसी दौरान उसके भसुर विजय तिवारी और उनकी पत्नी सुधा तिवारी ने रेनू को घर से जबरन निकालने का प्रयास किया, उस समय पीड़िता ने कहा कि मेरे पति विनय तिवारी आएंगे, तब मैं बाहर निकलूंगी।
आरोप है कि उसी दौरान दोनों ने रेनू तिवारी के साथ मारपीट करने के बाद मिट्टी के तेल डालकर आग लगा दी गई। जिससे रेनू 70% जल गई। रेनू को घायल अवस्था में इलाज के लिए वाराणासी स्थित पापुलर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां पहली नवंबर 2019 की सुबह रेनू की मौत हो गई।
घटना के बाद रेनू के पिता राजेंद्र शंकर मिश्रा द्वारा बबुरी थाने में विजय तिवारी, पत्नी सुधा तिवारी, सूरज तिवारी और उसकी पत्नी तथा अभिषेक तिवारी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। लेकिन मृतिका रेनू तिवारी ने घायल अवस्था में मजिस्ट्रेट को बयान दिया था कि उसको मारने में विजय तिवारी तथा उसकी पत्नी सुधा तिवारी शामिल रहीं, जिसके बाद बाकी अभियुक्तों को विवेचना के दौरान घटना से अलग कर दिया गया।
इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पक्ष को दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाया है, जबकि इस मामले की सुनवाई के दौरान विपक्षी वकील ने दलील दिया कि आरोपियों की सजा में ढिलाई दी जाए, क्योंकि उनके पास नवजात बच्चे हैं लेकिन अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी (Sanjay Tripathi) ने इस मामले को जघन्य हत्या करार देते हुए पैरवी कर सजा के लिए वादियों का पक्ष रखा।
जिस पर न्यायाधीश ने घटना के आरोपी विजय कुमार तिवारी और पत्नी सुधा तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 20-20 हजार का अर्थदंड लगाया और इस अर्थदंड को जमा नहीं करने पर एक वर्ष का सश्रम सजा भुगतने को भी कहा।