बीएचयू के छात्रों एवं स्थानीय किसानों द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के लंका गेट पर कैंडल जलाकर शहीद किसानों को याद किया गया।
विनम्र श्रद्धांजलि, फोटो-pnp |
Highlights:
● लखीमपुर-खीरी में शहीद किसानों को लंका गेट बीएचयू में किया गया याद
● किसान नेताओं ने कहा कि बीएचयू के छात्रों पर दर्ज की गई एफआईआर पुलिस वापस ले
● पुलिस ने कई किसान नेताओं को हाउस अरेस्ट कर किया परेशान
वाराणसी। लखीमपुर खीरी की अभूतपूर्व घटना, जिसमें गाड़ियों से रौंद कर चार किसानों व एक पत्रकार को मार दिया गया। उस पर अपना रोष और शोक व्यक्त करने के लिए पूरे देश भर में 12 अक्टूबर को किसान दिवस मनाया गया।
लखीमपुर-खीरी में हुए किसान नरसंहार के बाद से किसान आंदोलन की लहर अब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भी जोर पकड़ लिया है। बीएचयू के छात्रों एवं स्थानीय किसानों द्वारा आज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के लंका गेट पर कैंडल जलाकर शहीद किसानों को याद किया गया।
साथ ही दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और मौन जुलूस निकाला। वाराणसी पुलिस ने आन्दोलनकारियों को मौन जुलूस निकालने से रोकने के लिए कई किसान नेताओं को हाउस अरेस्ट कर ली और उन्हें परेशान किया।
किसान नेता अजय राय, फोटो:pnp |
पुलिस द्वारा इतना परेशान करने के बाद भी बीएचयू के छात्रों और स्थानीय किसान नेताओं द्वारा लंका गेट पर कार्यक्रम को सफलता से आयोजित किया गया।
किसानों की ओर से कहा गया कि भाजपा सांसद अजय मिश्रा 'टेनी' को बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाय और बाप-बेटे दोनों को कड़ी से कड़ी सजाएं दी जाए। साथ ही किसान नेताओं ने सामूहिक रूप से कहा कि पुलिस द्वारा बीएचयू के छात्रों पर दर्ज की गई एफआईआर को वापस ले और अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और सही से करें, अन्यथा हम लोग लंका थाना का घेराव भी करेंगे।
कार्यक्रम में आये किसानों ने कहा कि जब-तक सरकार काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, तब-तक हम आन्दोलन करते रहेंगे। एक न एक दिन सरकार और सत्ता को किसानों-नवजवानों के आगे नतमस्तक होना ही पड़ेगा। प्रदर्शनकारी हाथ में 'क्षुब्ध हृदय है,बन्द जबान'का बैनर लिए हुए थे।इसके साथ ही वे शहीदों के फ़ोटो वाले तथा अपनी बात कहने वाली कविताओं के बैनर हाथों में लिए हुए थे।
भारी तादाद में पुलिस बल,कई थानाध्यक्ष की उपस्थिति से कार्यकर्ताओं को आश्चर्य हो रहा था। मोमबत्तियां जला कर और हाथों में लेकर कार्यकर्ताओं ने अपने मनोभाव व्यक्त किए। पूरी तरह से शांतिपूर्ण इस प्रदर्शन के दौरान शहीदों की याद में क्रांति गीत गाए गए। सभा का समापन दो मिनट मौन रहकर किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य तौर पर महेश विक्रम सिंह, सुनील सहस्रबुद्धे,अरुण कुमार,प्रबाल सिंह,अजय राय,रामजी सिंह,शिवशंकर शास्त्री,काशीनाथ,आनंद यादव,रामजनम,युद्धेश,प्रज्ञा सिंह,आकांक्षा आजाद,शशांक,चौधरी राजेन्द्र,अफ़लातून,चंचल मुखर्जी, भुवाल यादव, रत्नेश सिंह, बेबी पटेल आदि प्रमुख थे।