छठ पूजा के आगमन की तैयारियां प्रखंडवासियों द्वारा जोर-शोर से की जा रही है। यह छठ पूजा कार्तिक मास शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाया जाता है।
छठ पूजा को सफाई की तैयारी, फोटो-pnp |
कुमार चन्द्र भूषण तिवारी,
कुदरा, कैमूर। छठ पूजा के आगमन की तैयारियां प्रखंडवासियों द्वारा जोर-शोर से जारी है। यह छठ पूजा कार्तिक मास शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाया जाता है। यह अन्य व्रतों की अपेक्षा बहुत ही कठिन व्रत माना जाता है। इस व्रत में फल व पानी का सेवन करना भी निषिद्ध माना गया है।
इस व्रत को पुरुष एवं महिलाएं सामान्य रूप से मनाते हैं। ऐसे बहुत से जगहों में चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी को भी छठ पूजा मनाया जाता है। चैत मास के छठ व्रत को चैती छठ एवं कार्तिक मास में किए जाने वाले व्रत को कार्तिकी छठ कहा जाता है।
इस व्रत का प्रारंभ डूबते सूरज को अर्घ्य देने से उगते सूरज को अर्घ्य देकर संपन्न किया जाता है। पौराणिक कथाओं मान्यता के अनुरूप त्रेता युग में मां0 सीता द्वारा मुग्दल ऋषि केआदेशानुसार छठ पूजा किया गया था। द्वापर में पांडवों द्वारा कौरवों से युद्ध क्रीडा में राजपाट हारने के बाद द्रोपदी द्वारा राज्य प्राप्ति के लिए छठ पूजा किया गया था।
रविवार को प्रखंड के पंचायत अंतर्गत फाखराबाद गांव में नवनिर्वाचित मुखिया जनप्रतिनिधि श्री भगवान पासवान व सरपंच जनप्रतिनिधि पप्पू रावत द्वारा घाटों का निरीक्षण किया गया। गांव के शिव शक्ति सेवा समिति के सदस्यों द्वारा घाट सफाई का कार्य किया गया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष गौतम केसरी सचिव अमन केसरवानी सहित समिति के दर्जनों सदस्यों द्वारा साफ सफाई का कार्य मिलजुल कर संपन्न किया गया।