राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने जमुर्खा कमालपुर के परिसर में शरद पूर्णिमा का कार्यक्रम आयोजित किया।
शरद पूर्णिमा मनाते आरएसएस के स्वयंसेवक, फोटो-pnp |
कमालपुर, चन्दौली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने गायत्री शिक्षण संस्थान जमुर्खा कमालपुर के परिसर में शरद पूर्णिमा का कार्यक्रम मनाया।
कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने बकायदा खीर बनाकर चंद्रमा के ओस में रखकर प्रसाद ग्रहण किया।वही शरद पूर्णिमा के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया।
बौद्धिक प्रमुख सुनील उपाध्याय ने कहा कि सनातन संस्कृति में अश्विन मास की पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व है। इसे शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।शरद पूर्णिमा को आनंद व उल्लास का पर्व माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में भगवान शंकर व मां पार्वती कैलाश पर्वत पर भ्रमण करते रहते हैं। तथा संपूर्ण कैलाश पर्वत पर चंद्रमा जगमगाता है।उमा को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट रहता है।
जिससे चंद्रमा के प्रकाश की किरणें पृथ्वी पर स्वास्थ्य की बौछार करती हैं। इस दिन चंद्रमा की किरणों में विशेष प्रकार की लवण व विटामिन होते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि प्रकृति भी इस दिन धरती पर अमृत वर्षा करती है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से बौद्धिक प्रमुख सुनील उपाध्याय,खंड कार्यवाह संजय, विद्यार्थी विस्तारक ईश्वरचंद्र, मुख्य शिक्षक राहुल,अभिनव, शिवम, पीयूष, राजेश, राज, धीरज, राजेश ,प्रकाश आदि रहे।