नबाबों का शहर लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर खतरे में पड़ गई है। इन्हें और किसी से नहीं बल्कि वाहनों के प्रदूषित धुंए से अधिक खतरा हो गया है।
● धरोहरों को बचाने का ऐतिहासिक फैसला, एलडीएल जल्द शुरू करेगा काम
लखनऊ। नबाबों के शहर लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर खतरे में पड़ गए हैं। इन्हें और किसी से नहीं बल्कि वाहनों के प्रदूषित धुंए से अधिक खतरा हो गया है। इस नुकसान से बचाने के लिए अब कुछ इलाकों में इन वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई जा सकती है।
इसके लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। इस क्षेत्र में सिर्फ टमटम यानि इक्के तांगे से ही कोई सवारी कर सकेगा। ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए रूमी गेट से वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। हुसैनाबाद ट्रस्ट क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया जाएगा। विकल्प के तौर पर यहां पर सिर्फ तांगे का संचालन किया जाएगा। यह एलडीए की योजना है। इसके तहत हुसैनाबाद के अंतर्गत आने वाली इन ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा के लिए यह फैसला लिया गया है। जिस पर जल्द काम शुरू हो सकता है। हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
अब रूमी गेट से नहीं गुजर पाएंगे वाहन
लखनऊ एलडीए ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि हुसैनाबाद ट्रस्ट क्षेत्र में बड़ा इमामबाड़ा, आसिफी मस्जिद, रूमी गेट, घंटाघर, सतखंडा, छोटा इमामबाड़ा पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। क्षेत्र में वाहनों पर रोक लगाने के बाद वाहन रूमी गेट के नीचे से नहीं निकल सकेंगे।
प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो-pnp |
हुसैनाबाद क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही रोकने के बाद पुराने लखनऊ को नए लखनऊ से जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्ग की तलाश शुरू हो गई है, इसके लिए एलडीए के अधिकारियों ने सर्वे शुरू कर दिया है। इस सर्वे के पूरा होते ही कार्य योजना तैयार की जाएगी। जिसके बाद ही इस क्षेत्र में वाहनों के आवाजाही पर रोक लगाई जाएगी।