22 करोड़ की लागत से 200 बेड का मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेंटर (एमसीएच) का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।

निर्माणाधीन अस्पताल, फोटो:pnp
● सदर अस्पताल को मॉडल रूप देने की कवायद शुरू
● प्रथम चरण में 200 बेड का मातृ शिशु स्वास्थ्य केंद्र बनना शुरू
सासाराम से संजय कुमार तिवारी की रिपोर्ट
सासाराम, रोहतास। भविष्य में कोरोना संक्रमण के साथ-साथ अन्य आपदाओं से निपटने के लिए जिला मुख्यालय स्थित सासाराम सदर अस्पताल को मॉडल रूप देने का कवायद शुरू कर दिया गया है।
प्रथम चरण में सदर अस्पताल परिसर में लगभग 22 करोड़ की लागत से 200 बेड का मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेंटर (एमसीएच) का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। 200 बेड का एमसीएच निर्माण के बाद नवजात शिशुओं के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए कई सारी सुविधाओं से यह केंद्र लैस होगा।
जिसमें आईसीयू के अलावा प्रसव की भी बेहतर व्यवस्था होगी। इस वजह से जच्चा बच्चा का इलाज की व्यवस्था एक ही जगह होने से काफी सहूलियत होगी।
दूसरे चरण में 57 करोड़ की लागत से बनेगा अस्पताल
मदर एंड चाइल्ड हेल्थ सेंटर बनने के बाद दूसरे चरण में लगभग 57 करोड़ की लागत से अस्पताल भवन का निर्माण कराया जाएगा जो सभी सुविधाओं से पूरी तरह से परिपूर्ण होगा। यह अस्पताल 6 मंजिला होगा जिसमें लिफ्ट की भी सुविधा मौजूद रहेगी।
मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित होने के बाद सदर अस्पताल में लगभग हर विभाग में इलाज के साथ-साथ ऑपरेशन की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिला में इस तरह का अस्पताल खुलने से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतर लाभ मिलेगा।
वही इस मॉडल अस्पताल में हर तरह की सुविधा मिलने के बाद अब लोगों को निजी अस्पतालों के साथ-साथ अन्य राज्यों के अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
रोहतास डीपीएम अजय कुमार सिंह ने बताया कि सासाराम सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। 2 से 3 सालों में अस्पताल पूरी तरह से मॉडल रूप में विकसित हो जाएगा।
फिलहाल राज्य स्वास्थ समिति के तहत बीएमएसआईसीएल के द्वारा लगभग 22 करोड़ की लागत से 200 बेड का मातृ एवं शिशु स्वास्थ सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है जो एक से डेढ़ साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया, दूसरे चरण में लगभग 57 करोड़ की लागत से सदर अस्पताल को डेवलप किया जाएगा
जिसमें सभी सुविधाएं मौजूद रहेगी। कोरोना काल में जो भी संसाधन मौजूद रहे उस में बेहतर से बेहतर इलाज किया गया और परिणाम भी बेहतर रहा। सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना पूरा योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अस्पताल और बेहतर होगा और लोगों को इस अस्पताल में कम पैसे में बेहतर ईलाज एवं सुविधाएं उपलब्ध होगी और कोरोना जैसी महामारी में भी हम बेहतर इलाज करने में सक्षम होंगे।