अलीनगर थाना के सिकटिया गांव में हुए विशाल पासवान की मौत के बाद अब असना के दया यादव की मौत पर सियासत शुरू हो गयी है।
अंतिम संस्कार में शामिल होते पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू, फोटो-pnp |
कमालपुर, चन्दौली। जनपद के अलीनगर थाना के सिकटिया गांव में हुए विशाल पासवान की मौत के बाद अब असना के दया यादव की मौत पर सियासत शुरू हो गयी है। आरोप है कि कुछ लोग उक्त मामले को दो समुदाय का विवाद बनाना चाहते हैं, जिससे इसका राजनीतिक करण हो और उसका लाभ लिया जा सके।
हालांकि मनोज सिंह डब्लू बुधवार को असना गांव पहुंचे और दया यादव की अंतिम यात्रा के अंतिम क्षण तक मौजूद रहे। इतना ही नहीं मनोज कुमार सिंह डब्लू ने जिलाधिकारी संजीव सिंह से बातचीत कर पीड़ित परिवार को सरकारी मदद पहुंचाने की फरियाद भी लगाई। इस पर डीएम ने एक एकड़ जमीन और पांच लाख रुपये देने का भरोसा दिया। साथ ही मनोज कुमार सिंह डब्लू ने अपनी ओर से पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देकर उनके दर्द को कम करने का प्रयास किया है।
आरोप है कि उन्माद फैलाने के लिए भीड़ जुटाने वाले लोग सत्ता संरक्षित हैं और यह आरोप खुद सपा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने लगाया है। उनका आरोप था कि भाजपा व भाजपा के विधायकगणों ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया है कि दुबारा जन प्रतिनिधि चुने जा सकें। लिहाजा हाल- फिलहाल हो रही मारपीट व हत्याओं में वह अपना मतलब व मकसद ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का चरित्र ही नफरत फैलाना है। उसे न तो हिन्दुओं से कोई सरोकार है और ना ही किसी अन्य जाति या मजहब के लोगों से। भाजपा को केवल अपना राजनीति स्वार्थ साधना आता है।
इसका ताजा उदाहरण चंदौली जनपद में घटी घटनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सिकटिया में व्यक्तिगत मारपीट में हुई विशाल की हत्या के प्रकरण में दीनदयाल उपाध्याय नगर से भाजपा की विधायिका के लिए विशाल पासवान व उसके स्वजातीय भाजपा कार्यकर्ता हो जाते हैं और आरोपी यादव पक्ष के लोगों को उनके द्वारा समाजवादी गुंडा करार दिया जाता है। वहीं असना की घटना में मृतक दया यादव व उसके परिवार के लोग स्थानीय विधायक व भाजपा की निगाह में हिन्दू हो जाते हैं और हिन्दुओं को जगाने व उन्माद फैलाने का आह्वान सोशल मीडिया के जरिए खुलेआम होता है और स्थानीय प्रशासन व पुलिस मूकदर्शक बना रहता है।
अब सवाल यह उठता है कि जो यादव सिकटिया में समाजवादी गुंडा था, वही यादव असना में हिन्दू कैसे हो गया? क्या सिकटिया के यादव हिन्दू नहीं है? यह सवाल चंदौली की आवाम को भाजपा के एक-एक पदाधिकारी व कार्यकर्ता से चट्टी चौराहे पर पूछी जानी चाहिए।
आरोप लगाया कि भाजपा व्यक्तिगत मारपीट की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देकर तुल देना चाहती है ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में उसे इसका लाभ मिल सके। वह वोटों का धु्रवीकरण करने की फिराक में है, लेकिन वह यह नहीं जानती कि भाजपा सरकार ने जनता को पिछले पांच सालों में जो जख्म दिए हैं वह भरे नहीं है। इसका करारा जवाब भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगी। विदित हो कि मारपीट के बाद उपचार के दौरान असना निवासी दया यादव की बीते मंगलवार को अस्पताल में मौत हो गयी।
उसके बाद बुधवार को सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू असना पहुंचे और मृत दया यादव के शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार तक मौजूद रहे।