कृषि उत्पादों पर किसानों को एमएसपी का कानूनी अधिकार चाहिए : अजय राय

कृषि उत्पादों पर किसानों को एमएसपी का कानूनी अधिकार चाहिए : अजय राय

कृषि उत्पादों पर एमएसपी को कानूनी दर्जा देने आदि मांगों को ले मजदूर किसान मंच का सांकेतिक भूख हड़ताल|
किसान नेता अजय राय, फोटो-pnp

● विभिन्न मांगों को लेकर मजदूर किसान मंच ने शुरू की सांकेतिक भूख हड़ताल|


चकिया, चन्दौली। देश में चल रहे अभूतपूर्व किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने के साथ ही संविधान दिवस पर शुक्रवार को विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के केंद्रीय आह्वान पर किसानों ने अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल शुरू किया।

किसानों ने कहा कि आज का दिन संविधान दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण है। भाजपा के द्वारा हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर हमले के खिलाफ लड़ने का दिन भी है।

किसानों ने कहा कि उनकी मांग एमएसपी की कृषि उत्पादों पर कानूनी दर्जा दिलाने और किसानों पर हमला कराने वाले केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी है। आज इस मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के केन्द्रीय आह्वान पर सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार जहाँ संविधान द्वारा मिले लोकतांत्रिक अधिकार, धर्मनिरपेक्षता, समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक अधिकारों पर हमला कर रहीं हैं वहीं अल्पसंख्यकों, गरीबों, आदिवासियों पर भी लगातार हमले हो रहे हैं। इसलिए संविधान दिवस पर संविधान बचाने, संविधान द्वारा मिले अधिकारों के लिए लड़ने का यह दिन है।

उन्होंने कहा कि साल भर चले अभूतपूर्व किसान किसान आंदोलन ने 683 किसानों के प्राणों की आहूति या शहादत के बाद केन्द्र की अंहकारी मोदी सरकार को तीनों काले कृषि कानून को वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा लेकिन अभी फसलों पर एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने और श्रमिक विरोधी बिल वापस लेने, बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने, अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, किसानों के आंदोलन में किसानों पर लादे गए मुकदमे वापसी सहित कई मांगे लम्बित हैं। जिसको पूरा कराने के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।

 उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व ढंग से साल भर से चल रहे आंदोलन में 683 किसानों ने प्राणों की आहूति या शहादत दिया है। इनके लिए मोदी सरकार को मुआवजा, इनके परिवार को पुनर्वास की घोषणा करनी चाहिए। और साथ ही सिंधु मोर्चा में उनके नाम पर स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटित किया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार की शत-प्रतिशत फसलों की क्रय केन्द्र पर खरीद की गारंटी करने की घोषणा केवल कागजी है और फसलों को बेचने के लिए किसानों को क्रय केंद्रों पर भटकना पड़ रहा है। इसलिए संविधान को बचाना हैं ताकि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को लेना है और किसानों को कोरपोरेट घरानों से मुक्ति तभी मिलेगी जब भाजपा हारेगी।