झंझारपुर कोर्ट में कार्यरत न्यायाधीश के न्यायालय में पुलिसकर्मियों ने पिस्टल तान लेना एवं हमला करने की कैमूर अधिवक्ता संघ ने पुरजोर विरोध किया है।
बैठक करते अधिवक्ता संघ, फोटो-pnp |
भभुआ,कैमूर। बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर कोर्ट में कार्यरत न्यायाधीश एडीजी प्रथम अविनाश कुमार पर 18 नवंबर को उनके ही न्यायालय में दो पुलिसकर्मियों के द्वारा पिस्टल तान लेना एवं हमला करने की कैमूर अधिवक्ता संघ ने पुरजोर विरोध किया है।
वहां के तत्कालीन एसपी को बर्खास्त करने का मांग किया है। कैमूर अधिवक्ता संघ के सभागार में संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह की अध्यक्षता एवं संचालन महासचिव ओमप्रकाश के नेतृत्व में बैठक संपन्न हुई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से न्यायालय की व्यवस्था पर एक षड्यंत्र के तहत न्यायधीश के कोर्ट में पिस्टल दिखाना कानून का धज्जियां उड़ाना है।
बैठक में उपाध्यक्ष अनिल कुमार, श्याम बिहारी प्रसाद, अमित कुमार, जितेंद्र त्रिपाठी, नेंसार अंसारी, छठू राम, सुनील सिन्हा, बम जी, राधा कृष्ण प्रसाद, लक्ष्मीकांत तिवारी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने कहा है कि सन 1997 में सासाराम न्यायालय में पुलिस कर्मियों के द्वारा जिला न्यायधीश के ऊपर हमला हुआ था।
संघ ने कहा है कि लगातार इसी प्रकार न्यायालय के ऊपर अपराधियों जैसा कानून का अनुपालन करने वाले न्यायाधीशों के साथ व्यवहार करेंगे तो आने वाले दिनों में न्यायालय पर जनता का विश्वास और अविश्वास में बदल जाएगा।
संघ के संयुक्त सचिव मंटू पांडे ने प्रेस को बताया कि लगातार न्यायधीश न्याय प्रक्रिया से जुड़े हुए अधिवक्ताओं पर षड्यंत्र के तहत हमला हो रहा है। राज्य सरकार शीघ्र शीघ्र ही न्यायालय से जुड़े हुए लोगों को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करें अन्यथा बाध्य होकर आंदोलन करने की मजबूर होंगे।