बदहाल शिक्षा व्यवस्था: जिले का ऐसा सरकारी स्कूल जहां एक विद्यालय में दो- दो हेड मास्टर

बदहाल शिक्षा व्यवस्था: जिले का ऐसा सरकारी स्कूल जहां एक विद्यालय में दो- दो हेड मास्टर

जनपद के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था मजाक बन कर रह गई है। हेड मास्टर गैरहाजिर हैं और उनके स्थान पर उसका भाई पढ़ाते जैसे रिपोर्ट है। 

विद्यालय की एक तस्वीर, कहानी बयां कर रही, फोटो-PNP

●हेड मास्टर  पढ़ाता मिला भाई, नौगढ़ में बदहाल शिक्षा व्यवस्था

CHANDAULI,नौगढ़सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था मजाक बन कर रह गई है। हेड मास्टर गैरहाजिर हैं और उनके स्थान पर उसका भाई पढ़ा रहा है। कहीं बहन ससुराल में है तो उसका भाई दस्तखत  बना रहा है। कोई देखने वाला नहीं है।

काफी दिनों से चल रहा ऐसा ही एक मामला बृहस्पतिवार को परसिया गांव के प्रधान ने रंगे हाथों पकड़ा है। डीएम संजीव सिंह ने शिकायत के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा।

 विकास खंड नौगढ़ के पूर्व  माध्यमिक विद्यालय परसिया पर नियुक्त हेड मास्टर अखिलेश कुमार स्कूल आने के बजाय अपने भाई को भेजकर शिक्षण कार्य कराता है। बृहस्पतिवार को ग्राम प्रधान लाल बिहारी के 
 साथ गांव के लोग पहुंचे, तो हेड मास्टर के स्थान पर स्कूल में बैठा उसका भाई पढ़ाता  मिला। 

बताया कि मैं इस स्कूल का हेडमास्टर हूं। ग्राम प्रधान जब अपने मोबाइल से अधिकारियों को सूचित करने लगे तो वह  स्कूल से भागने लगा। शिकायत के एक घंटे बाद विद्यालय पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी अवधेश नारायण सिंह को विद्यालय में कोई स्टाफ नहीं मिला।

 जबकि यहां हेड मास्टर के अलावा एक सहायक अध्यापक सुभाष शेखर भी तैनात हैं। ग्राम प्रधान लाल बिहारी कोल तथा गांव के लोगों का कहना है कि हेड मास्टर के स्थान पर उसका भाई  स्कूल में बच्चों को पढ़ाता है और अपने को हेड मास्टर बताता है। जबकि प्राथमिक विद्यालय  में तैनात हेड मास्टर चकिया में रहता हैं और यहां स्कूल में उसका भाई  फर्जी दस्तखत बनाता ह

पिछले दिनों एबीएसए अवधेश नारायण सिंह के द्वारा प्राथमिक विद्यालय धौठवा और नर्वदापुर का औचक निरीक्षण किया गया था। इन विद्यालयों नियुक्त हेड मास्टर ओम नारायण यादव, बृजेश, अमन सिंह चंदेल व अन्य गायब मिले। यहां भी गांव के लोगों ने बताया था कि  प्रधानाध्यापक कभी नहीं आते। प्राथमिक विद्यालय परसिया के हेडमास्टर अखिलेश कुमार  से जब हकीकत पूछी गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

 शिक्षकों को मिल रहा है अधिकारियों का संरक्षण

ग्रामीणों ने विद्यालयों के अध्यापकों से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ का आरोप लगाया है। कहा कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसिया में  छात्र 44 और छात्राओं की संख्या 43 है। वहीं नर्वदापुर में नामांकित छात्र 65 और छात्राओं की संख्या 69 है। 

प्राथमिक विद्यालय धौठवां में छात्राओं की संख्या 28 है।
इन विद्यालयों में नामांकन के मुकाबले बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। नर्वदापुर प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर और  सहायक अध्यापक महीने में केवल दो दिन आते हैं। जबकि धौठवा का भी यही हाल है। यहां नियुक्त हेड मास्टर ओम नारायण यादव अक्सर गायब रहते हैं। 


 " स्कूल से गायब रहने वाले हेड मास्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उनसे जवाब मांगा जाएगा, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।"
अवधेश नारायण सिंह,ABSA.

 
"किसी भी हाल में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर हाल में शिक्षकों को स्कूल में ड्यूटी देनी हीं होगी। ऐसा नहीं करेंगे तो उन पर उचित कार्रवाई होगी।" 
सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए.
 
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