किसान आन्दोलन की सफलता ने जनांदोलन की ताकत और उसकी ज़रूरत को स्थापित करके सिद्ध कर दिया है कि इससे तानाशाह सरकार को झुकाया जा सकता है।
विजय दिवस मानते किसान, फोटो-pnp |
● अखिल भारतीय किसान सभा, खेत मजदूर सभा, मजदूर किसान मंच किसान आंदोलन की जीत पर विजय दिवस मनाया, विजय जूलुस निकाला
CHANDAULI, चकिया। ऐतिहासिक किसान आंदोलन की जीत किसानों के संकल्प का नतीजा है। किसानों ने एलान किया था कि "जनता लड़ेगी, जनता जीतेगीं " अंत मद यही हुआ। उक्त बातें शनिवार को संयुक्त किसान के आह्वान पर चकिया में जूलुस निकाल कर विजय दिवस मनाया गया।
किसानों की यह जीत जनांदोलन की जीत है। किसान आन्दोलन की सफलता ने जनांदोलन की ताकत और उसकी ज़रूरत को स्थापित करके सिद्ध कर दिया है कि इससे तानाशाह सरकार को झुकाया जा सकता है।
चकिया में अखिल भारतीय किसान सभा, उत्तर प्रदेश किसान सभा व मजदूर किसान मंच ने ऐतिहासिक किसान आंदोलन की जीत पर विजय जूलुस निकाला गया। गांधी पार्क में आकर किसानों ने आपस मिठाई खिलाते हुए कहा कि ऐतिहासिक किसान - आंदोलन की जीत किसानों के इस व्रज- संकल्प का ऐलान है कि न कोई कारपोरेट गिरोह हमारी कृषि पर कब्जा कर सकता है, न ही कोई फासिस्ट गिरोह हमारे लोकतंत्र को बंधक बना सकता हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन ने मोदी -शाह की जोड़ी को झुका कर यह उम्मीद फिर जिंदा कर दी है कि " जनता लड़ेगी, जनता जीतेगीं " किसानों के आंदोलन वैश्विक वित्तीय पूंजी और कारपोरेट घरानों के पुरजोर समर्थन के साथ लाए गए कृषि काले कानूनों को रद्द कराने सहित कई किसानों के मांगे पर सरकार को झुकने पर मोदी- शाह की जोड़ी को विवश किया।
यह किसानों की जीत , फोटो-pnp |
जूलुस में चल रहें किसान संगठन के नेताओं ने किसानों के जीत पर बधाई देते हुए " किसानों की एकता जिन्दाबाद, जब हिटलर की हिटलर शाही नहीं चली तो मोदी जी की तानाशाही नहीं चलेगी, लड़े हैं और लड़ेगें, किसान आंदोलन की जीत जिन्दाबाद, नारे लगा रहे थे। गांधी पार्क में सभा कर किसान नेताओं, किसानों व महिला संगठन के नेताओं को मिठाई खिलाकर ऐतिहासिक किसान आंदोलन की जीत पर आपस में बधाई दिया।
जूलुस में अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष परमानन्द कुशवाहा, उत्तर प्रदेश किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य शुकदेव मिश्रा, मजदूर किसान मंच के राज्य संयोजन समिति सदस्य अजय राय, लालचंद यादव, शम्भू नाथ , लोकतंत्र सेनानी रामनिवास पाण्डेय, शिवमुरत राम, लालमनि विश्वकर्मा, जय प्रकाश विश्वकर्मा, वदरूज्जा प्रधान, नन्दलाल, राम, पह्लाद मिश्रा, नरोत्तम चौहान,गुलाब चौहान, सहित कई नेता व किसान शामिल रहे।