सावधान: कभी भी हो सकते हैं गाड़ियों में लगे CNG Gais Cylinder ब्लास्ट !

सावधान: कभी भी हो सकते हैं गाड़ियों में लगे CNG Gais Cylinder ब्लास्ट !

जिस टेंपो या अन्य सवारी गाड़ी से आप सफर कर रहे हैं, अगर गाड़ी में CNG गैस सिलेंडर इस्तेमाल हो रहा है तो वह कभी भी ब्लास्ट कर सकता है|

सांकेतिक फोटो

 ● हर तीन साल पर सिलेंडर की टेस्टिंग कराया जाना अनिवार्य, पर सभी बरत रहे लापरवाही


 PURVANCHAL, वाराणसी। जिस टेंपो आ अन्य सवारी गाड़ी से आप सफर कर रहे हैं, अगर गाड़ी में CNG गैस सिलेंडर इस्तेमाल हो रहा है तो वह कभी भी ब्लास्ट कर सकता है। जिसे आपकी जान भी जा सकती है।

बताया जाता है कि  वाराणसी व आसपास के जिले में पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग व यातायात अधिकारियों की अनदेखी की वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सड़कों पर सीएनजी गैस सिलेंडर लगी गाड़ियां फर्राटे भर रही हैं। इन गाड़ियों के मालिक व ड्राइवर कभी भी सीएनजी सिलेंडर के फिटनेस नहीं कराते हैं, जबकि यह सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही जरूरी है। जबकि वाराणसी शहर के हरहुआ क्षेत्र में इसके लिए भारत सरकार से सीएनजी गैस सिलेंडर टेस्टिंग के लिए अधिकृत सेंटर भी खुल चुका है।


CNG गैस सिलेंडर की हो रही टेस्टिं, फ़ोटो-pnp


बता दें अगर कोई सवारी और निजी गाड़ी मालिक सीएनजी गैस सिलेंडर की टेस्टिंग कराता है तो तकरीबन ₹2000 खर्च पड़ते हैं। इस रकम के खर्च करने के बाद CNG गैस सिलेंडर 3 साल के लिए सुरक्षित हो जाता है, जिसे कोई हादसा होने का डर नहीं रहता है। दरअसल में महज ₹2000 की बचत के चक्कर में टेंपो व अन्य सवारी गाड़ियों के मालिक, ड्राइवर जान जोखिम में डालकर सड़कों पर गाड़ियों को दौड़ा रहे हैं।

सिलेंडर में गैस CNG भरने से पहले पेट्रोल पम्पों को फिटनेस जानकारी लेना जरूरी


भारत पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (peso) व गेल ने विस्फोटक अधिनियम 1884 और पेट्रोलियम अधिनियम 1934 के 'सुरक्षा सर्वोपरि' घोष वाक्य के साथ काम कर रहा है। उसकी जिम्मेदारी है कि समय-समय पर पेट्रोलियम से जुड़े विस्फोटक के मामले की जांच व परीक्षण करता रहे। इसके लिए CNG Gais टेस्टिंग के लिए  जगह जगह सेंटरों को अधिकृत किया गया है।

जिन पेटोल पम्पों से टेंपो व अन्य सवारी निजी गाड़ियां सीएनजी सिलेंडर में डलवा रही हैं  उन सिलेंडरों की टेस्टिंग जरूरी है मगर इस ओर ना तो सीएनजी इंजन भरने वाले पेट्रोल पंप मालिक ध्यान देते हैं और ना ही यहां के अधिकारी। यही वजह है कि बिना सीएनजी गैस टेस्टिंग की सड़कों पर दौड़ रही गाड़ियों से जान माल का नुकसान बराबर होता रहता ह

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