यूपी-बिहार में आतंक का पर्याय बने बक्सर सेंट्रल जेल में बंद सतीश पांडेय को किसी से मिलने की इजाजत नहीं!

यूपी-बिहार में आतंक का पर्याय बने बक्सर सेंट्रल जेल में बंद सतीश पांडेय को किसी से मिलने की इजाजत नहीं!

पिछले दिनों पंचायत चुनाव को लेकर चनावे मंडल कारा गोपालगंज से बक्सर स्थानांतरित किये गए खूंखार पांडेय पर जेल प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है|


 कुख्यात सतीश पांडेय, photo; pnp

●  चुनाव के समय गोपालगंज से शिफ्ट किया गया बक्सर, 
कुचायकोट के विधायक का भाई हैं सतीश पांडेय


 बक्सर। पिछले दिनों पंचायत चुनाव को लेकर चनावे मंडल कारा गोपालगंज से बक्सर स्थानांतरित किये गए खूंखार पांडेय पर जेल प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 

अब उन्हें किसी से मिलने पर रोक लगा दिया गया है। जेल प्रशासन ने कहा है कि यह पाबंदी व सख्ती न्यायालय के निर्देश पर किया गया है। इस जेल की सुरक्षा व्यवस्था भी तगड़ी कर दी गई है।

आतंक का पर्याय बने सतीश पांडेय अचानक  फिर चर्चा में आ गए


बक्सर केंद्रीय कारा में बंद सतीश पांडेय अचानक से एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। मामला यह है कि पंचायत चुनाव के समय से जिलाबदर किए गए कुख्यात पांडेय की सुरक्षा को और भी कड़ा कर दिया गया है। उच्चतम न्यायालय के द्वारा जेल प्रशासन को दिए गए निर्देश के आलोक में अब ना तो उन्हें आम कैदियों और ना ही मुलाकात करने पहुंचने वाले किसी अन्य व्यक्ति से मिलने दिया जाएगा। हालांकि, कारागार प्रशासन अभी इस मामले को लेकर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सतीश पांडेय पर विशेष निगरानी रखी जानी शुरू कर दी गई है।

लगातार पांच बार से विधायक हैं भाई, निर्विरोध जिप चेयरमैन बनता रहा है बेटा


सच तो यह है कि इसे सतीश पांडेय की दबंगई कहें या कुछ और, उनके भाई अमरेंद्र कुमार पांडे उर्फ पप्पू पांडेय कुचायकोट विधानसभा से लगातार पांच बार से विधायक बनते आ रहे हैं। यही नहीं सतीश पांडेय के पुत्र मुकेश पांडेय भी 40 जिला परिषद सदस्यों के बीच लगातार निर्विरोध चुनाव जीतकर चेयरमैन चुने जाते रहे हैं। हालांकि, इस बार वह जिप सदस्य का चुनाव नहीं जीत पाए और सत्ता से बाहर हो जाना पड़ा।

यूपी के गोरखपुर, देवरिया से लेकर बिहार तक बोलती है इस कुख्यात की तूती 


अपराध की दुनिया में सतीश पांडेय के नाम का डंका बज रहा है। कहा जाता है कि सतीश पांडेय के खिलाफ गोपालगंज ही नहीं बल्कि बिहार और यूपी के कई जिलों में कोई भी खड़ा होने की कोई जुर्रत नहीं करता है। ऐसे में पूर्व मंत्री बृज बिहारी सिंह हत्याकांड जैसे चर्चित मामले में भी वे बरी हो चुके हैं। उनके विरुद्ध मामला तो दर्ज होते हैं लेकिन गवाहों के मुकर जाने तथा अन्य कारणों से सदैव वह कानून को मात देने  सफल हो जाते हैं।

अति विशिष्ट सुरक्षा सेल  में किया गया कुख्यात को शिफ्ट


जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक न्यायालय का आदेश प्राप्त होने के बावजूद कारा प्रशासन अभी कारा एवं सुधार विभाग से निर्देशों से मिलने का इंतजार तो कर रहा है लेकिन, कुख्यात को अति विशिष्ट सुरक्षा सेल(अंडा सेल) में शिफ्ट कर दिया गया है। जहां चौबीसों घंटे उनकी निगरानी के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं. माना जा रहा है कि सज़ा सुनाए जाने के बाद उनके द्वारा किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को अंजाम दिलवाने की आशंका के मद्देनजर ऐसा किया गया है।


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